भंडारा (का). समाज के हर वर्ग को कोरोना महामारी ने बुरी तरह से प्रभावित किया है. गरीब ही नहीं, अमीर वर्ग भी इस महामारी के कारण परेशान हो उठा है. मजदूरों की हालत तो सबसे ज्यादा खराब है. लॉकडाउन के समय में भी मजदूरों की हालत बहुत ज्यादा खराब थी और अब जबकि अनलॉक वन के भी 24 दिन बीत चुके हैं, मजदूरों के हाथ में काम नहीं है. कुछ चुनिंदा क्षेत्रों को छोड़कर अन्य क्षेत्रों में मजदूरों को काम पर लिया ही नहीं गया है. जहां पर ज्यादा मेहनत का काम है, वहीं पर मजदूरों को काम पर रखा जा रहे हैं.
जिन क्षेत्रों में श्रम नहीं है, वहां कम मजदूरों से काम चलाने की रणनीति के कारण मजदूरों को रोजगार नहीं मिल पा रहा है. मानसून काल में मजदूरों को काम मिलने के आसार कम हैं. दही हंडी, कृष्णजन्माष्टमी, गणेशोत्सव जैसे आयोजन सादगी से करने के कारण मूर्तिकारों के साथ काम करने वाले छोटे कारीगरों को भी काम मिलने की उम्मीद कम ही है.