शहर के खाली भूखंड साबित हो रहे घातक, परिसर के नागरिकों के लिए खतरे की घंटी

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    भंडारा. अभी बारिश के मौसम को शुरूआत हुई है. शहर के विभिन्न स्थानों पर खाली पड़े भूखंड घातक साबित हो रहे हैं. खाली भूखंडों के अगल-बगल में निर्माण कार्य होने की वजह से ये भूखंड परिसर के लोगों के लिए घातक साबित हो सकता है. खाली पड़े भूखंडों में बारिश का पानी जमा होने से वहां डेंग्यु के मच्छरों का प्रादुर्भाव होने की आशंका बनी रहती है. 

    खाली पड़े भूखंड पर गंदगी होने के साथ-साथ, वहां काई तथा कीचड़ भी जमा हो जाता है. इस कारण जनस्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ने की आंशका से इंकार नहीं किया जा सकता.

    नप प्रशासन बनाए कुछ नियमावली

    शहर के विभिन्न स्थानों पर लोग प्लॉट तो खरीद कर रखते हैं, लेकिन वहां कोई निर्माण कार्य नहीं करवाते जिस वजह से खाली पड़े भूखंडों में पानी तथा गंदगी भर जाती है. इन भूखड़ों में जमा पानी बहुत दिनों तक वहीं जमा रहता है. जो भूखंड खाली पड़े हैं. नगर प्रशासन को कुछ नियमावली बनानी चाहिए. खाली पड़े भूखंड के कारण किसी को परेशानी नहीं हो इसकी ओर भूखंड धारकों को ध्यान देना होगा.

    खाली भूखंड बने कूडेदान  

    शहर में आधुनिकीकरण के साथ, अद्यतन बस्तियां एवं नई कॉलोनियों की स्थापना की जा रही है. इन जगहों पर कई लोगों के भूखंड खाली होने के कारण यह प्लाट कूडेदान बन गए है. इसके कारण नागरिकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. 

    फेंका जाता है भूखंडों पर कचरा

    भंडारा शहर में बस्तियों की संख्या दिन ब दिन बढती जा रही है. ज्यादातर भूखंड निवेश के कारणों से खरीदे गए है. नागरिकों द्वारा इन खाली भूखंडों पर कचरा फेंका जाता है क्योंकि उन पर कोई निर्माण कार्य नहीं होता है. जो क्षेत्र में गंदगी फैलाता है.

    खाली पडे भूखंड मालिक ध्यान दे- नागरिक  

    नाम नहीं छापने की शर्त पर परिसर के लोगों ने बताया कि खाली पड़े भूखंड में जो गंदगी व्याप्त है उससे जन स्वास्थ्य पर असर पड़ रहा है. खाली भूखंड जिनके नाम हैं वे यह सुनिश्चित करें कि उनके भूखंड से किसी को किसी भी तरह की परेशानी नहीं हो इस ओर खाली पडे भूखंड मालिकों ने ध्यान देना चाहिए.