अग्निकांड के एक साल बीतने के बाद भी नहीं भरे गए रिक्त पद

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    • संवेदना शून्य सरकारी तंत्र के कामकाज में कोई बदलाव नहीं 

    भंडारा. जिला सामान्य अस्पताल में विगत वर्ष 9 जनवरी को हुए अग्निकांड को रविवार जनवरी को एक वर्ष पूरे हो गए. उस वक्त जो वक्त रिक्त थे, उन्हें अभी भी भरा नहीं गया है. रिक्त पदों पर भर्ती न किए जाने से इस बात का खुलासा हो गया कि सरकार कितनी संवेदन शून्य है. उसकी कार्य प्रणाली में अभी भी कोई बदलाव नहीं आया.

    सरकारी तंत्र को न तो दम घुटने से मृत बच्चों के करूण अंत की कोई व्यथा है और ही उनके परिजनों पर पहाड़ जैसे दुख से कोई लेना-देना है. कोरोना महामारी के फिर से तेजी पकड़ने और जिला सामान्य अस्पताल को सुविधाओं से लैस तो किया गया है, लेकिन अस्पताल में काम करने वाले ही नहीं होंगे तो उन यंत्रों का क्या फायदा जो भारी बजट खर्च करके मंगाए गए हैं.

    जिन स्वास्थ्य कर्मियों को कोरोना काम में कोरोना योद्धा के रूप में नवाजा गया उन्हीं के साथ काम करने वाली कई नर्सों को काम से निकाले जाने की जानकारी भी हाथ लगी है. 

    विगत वर्ष जिला सामान्य अस्तपाल में हुई घटना के बाद यह कहा जा रहा था कि अस्पताल में रिक्त पदों को शीघ्र भरा जाएगा. जिन परिवारों ने बच्चे खोए थे, उनको आश्वासन दिया गया था कि अस्पताल में सभी सुविधाएं उपलब्ध करायी जाएंगी. अस्पताल में सुविधाएं तो एक वर्ष में उपलब्ध करा दी गई लेकिन जिनकी सबसे ज्यादा जरूरत थी यानि खाली पदों को भरना था, उनके प्रति गंभीरता नहीं दिखायी गई और जो रिक्त पद उस वक्त खाली थे, वे आज भी खाली हैं.

    जिला सामान्य अस्पताल के अंतर्गत काम करने वाले उप जिला, ग्रामीण अस्पताल के लिए 935 पद मंजूर हैं, उनमें से सिर्फ 396 पद ही भरे गए हैं, शेष पद खाली हैं और कितने दिनों तक खाली रहेंगे कुछ कहा नहीं जा सकता है.

    मंजूर किए गए जिन 239 पदों पर नियुक्ति कब होगा, इसके बारे में कुछ भी नहीं कहा जा सकता है. चिकित्साधिकारी वर्ग-1 तथा 2 के लिए 112 पद मंजूर हैं, उनमें से 18 पद रिक्त हैं. सामान्य राज्य सेवा गट-क में मंजूर 489 पदों में से 115  पद रिक्त हैं. ग्रेड ड के 330 पद मंजूर हैं, जिनमें से 115 पद रिक्त हैं. तुमसर उप जिला अस्पताल में 94 मंजूर पदों में से 22 रिक्त हैं.

    इसी तरह साकोली उप जिला अस्पताल के 87 मंजूर पदों में से 17, सिहोरा ग्रामीण अस्पताल में 7, लाखांदूर, लाखनी ग्रामीण अस्पताल में 7, अड्याल ग्रामीण अस्पताल में 5, पवनी ग्रामीण अस्पताल में 12, मोहाडी में 6 तथा पालांदूर ग्रामीण अस्पताल में 9 पद रिक्त हैं. इन सभी रिक्त पदों के अलावा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भी रिक्त पद का मामला सामने आया है.

    जिले के 33 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के लिए मंजूर किए गए 257 सेविकाओं में से 108 पद रिक्त हैं, इनमें भंडारा तहसील में 15, मोहाडी में 10, तुमसर में 21, पवनी में 18, लाखनी में 12, साकोली में 18, लाखांदूर में 12 सेविकाओं का समावेश है. मनुप्य बल को अभाव में स्वास्थ्य सेवाओं पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है.