सिहोरा. तहसील के प्रसिद्ध चांदपुर जलाशय का भीषण गर्मी के इस माहौल में जलस्तर घट गया है. चांदपुर जलाशय का पानी 45 गांव के किसानों को सिंचाई के लिए उपलब्ध करवाया जाता है, लेकिन जलाशय में पानी की कमी होने से फसलों की सिंचाई नहीं हो पाती.
पूर्ण वर्ष फसलों को सिंचाई की सुविधा के लिए सोड्याटोला उपसा सिंचाई योजना शुरू की गई है. सोंड्याटोला उपसा सिंचन योजना में लिफ्ट से पानी चांदपुर जलाशय में छोड़ा जाता है. फिर भी किसानों को प्रतिवर्ष फसलों को सिंचाई के लिए पानी नहीं मिल पाता. ऐसे में बावनथड़ी प्रकल्प का पानी चांदपुर जलाशय में छोड़ने की मांग पूर्व सांसद शिशुपाल पटले ने उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से की है.
चांदपुर जलाशय के पानी का स्तर घटने पर क्षेत्र के अनेक गांवों में पानी की किल्लत नजर आती है. इस वर्ष भी यह समस्या सता रही है. गांवों में पानी का स्तर कम हो चुका है. नतीजतन गांवों में पीने के पानी की समस्या निर्माण हो रही है. चांदपुर जलाशय भरा रहने से पास वाले सभी गांवों में गर्मी के मौसम में भी पीने की पानी की समस्या नहीं होती. इस वर्ष तालाब का पानी समाप्त होने लगा है. इस कारण गांव में पानी की समस्या भी सामने आते दिखाई दे रही हैं.
12 गांवों को भी सिंचाई का लाभ
चांदपुर जलाशय से एक वर्ष बाई नहर व एक वर्ष दाई नहर में पानी छोड़ा जाता है. इतना ही नहीं तो बाई नहर में दो वर्ष अदल बदल कर पानी देना पड़ता है. चांदपुर जलाशय से पूरे वर्ष फसल को सिंचाई के लिए पानी नहीं मिलता. इस फसल को सिंचाई के लिए बावनथड़ी परियोजना का पानी लोभी तालाब में लाना व वहां से लिफ्ट के माध्यम से गणेशपुर तालाब में छोड़ने पर उसी मार्ग से चांदपुर जलाशय तक पानी पहुंचाना संभव है. बावनथड़ी परियोजना से अलग किए गए 12 गांवों को भी सिंचाई का पानी मिल सकता है. चांदपुर जलाशय के सीमा में आने वाले किसानों के खेती को पूरे वर्ष सिंचाई के लिए मदद हो सकती है. ऐसी मांग पूर्व सांसद शिशुपाल पटले ने राज्य के उपमुख्यमंत्री व सिंचाई मंत्री देवेंद्र फडणवीस से की है.