महापुरुषों को जातिवाद मंजूर नहीं था

खामगांव.जातिवाद को मिटाने के लिए छत्रपति शिवाजी महाराज से लेकर महात्मा ज्योतीबा फुले, राजर्षि छत्रपति शाहू महाराज, डा.बाबासाहब आंबेडकर इन महापुरुषों ने जीवन के अंतिम समय तक प्रयास किए. उन्हें

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खामगांव. जातिवाद को मिटाने के लिए छत्रपति शिवाजी महाराज से लेकर महात्मा ज्योतीबा फुले, राजर्षि छत्रपति शाहू महाराज, डा.बाबासाहब आंबेडकर इन महापुरुषों ने जीवन के अंतिम समय तक प्रयास किए. उन्हें जाति व्यवस्था की संकल्पना मंजूर नहीं थी. इसलिए महापुरुषों को अपेक्षित जाति विरहित समाज निर्माण करने की आवश्यकता है ऐसा प्रतिपादन कोल्हापुर के युवराज छत्रपति सांसद संभाजी राजे भोसले ने किया.

खामगाव में दिसंबर १९१७ में तत्कालीन रावबहादुर केशवराव जानराव देशमुख ने छत्रपति शाहू महाराज के मार्गदर्शन तथा प्रमुख उपस्थिति में शिक्षा परिषद का आयोजन किया था. इसकी शताब्दी उपलक्ष्य में रविवार को आईसाहब मंगल कार्यालय पर सामाजिक ऐक्य परिषद का आयोजन किया गया था. कार्यक्रम में वे प्रमुख मार्गदर्शक के रुप में बोल रहे थे.

कार्यक्रम में विधायक आकाश फुंडकर, विधायक हर्षवर्धन सपकाल, मानवाधिकार आयोग के सदस्य भगवंतराव मोरे, नगराध्यक्षा सौ.अनिताताई डवरे, शिवाजीराजे जाधव, इंद्रसेन देशमुख, जिला पुलीस अधिक्षक डा.दिलीप पाटील भुजबल, सिं.राजा नगराध्यक्ष अॅसड. नाझेर काझी, पूर्व विधायक माणिकराव गावंडे, नानाभाऊ कोकरे समेत रावबहादुर केशवराव देशमुख इनके वंशज श्रीमंत शिवाजीराव देशमुख व सुमती देशमुख, देवेंद्र देशमुख, शीतलताई देशमुख आदि प्रमुखता से उपस्थित थे.

संभाजी राजे ने कहा कि महापुरुषों को सामाजिक ऐक्य अभिप्रेत था. लेकिन इस बात से आज समाज दूर है. १०० साल पहले खामगांव में शिक्षा परिषद का आयोजन कर राजश्री छत्रपती शाहू महाराज ने शिक्षा का महत्व समझाया था. कार्यक्रम का प्रास्ताविक देवेंद्र देशमुख तो आभार तेजेंद्रसिंह चौहान ने व्यक्त किया.

देशमुख का अमृत महोत्सव मनाया
इस कार्यक्रम में श्रीमंत शिवाजीराव देशमुख के ७५ वें जन्मदिन उपलक्ष्य में अमृतमहोत्सव मनाया गया. उपस्थित मान्यवरों ने उन्हे शुभेच्छाए दी.