
ठाणे. ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने संकेत दिया कि शिवसेना पार्टी का नाम और चिन्ह एकनाथ शिंदे गुट को आवंटित किए जाने के बाद उन्हें उद्धव ठाकरे के लिए कोई सहानुभूति नहीं है। उन्होंने यह भी पूछा कि क्या महाराष्ट्र के मुसलमान शरद पवार, उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे जैसे नहीं हो सकते हैं?
ओवैसी ने कहा, “मुंब्रा अस्तित्व में क्यों आया? वे कौन थे जिन्होंने वृद्ध लोगों को मुंबई से भागकर यहां आने के लिए विवश किया? मैं कुछ भी नहीं भूला हूं। और फिर आप मुझसे पूछते हैं, क्या मुझे उद्धव ठाकरे से सहानुभूति है? मैं उन दिनों को नहीं भूला हूं जब लोगों को टाडा के तहत सलाखों के पीछे डाल दिया गया था।”
AIMIM प्रमुख ने जनता से पूछा, “NCP के अजित पवार और सुप्रिया सुले नेता बन सकते हैं, उद्धव ठाकरे केवल अपने पिता के पुत्र होने के गुण के आधार पर नेता बन सकते हैं, एकनाथ शिंदे-देवेंद्र फडणवीस नेता बन सकते हैं, क्या महाराष्ट्र के मुसलमान शरद पवार, उद्धव ठाकरे और शिंदे जैसे नहीं हो सकते?”
You can’t become one just by raising slogans. Unite, cast your votes & become leaders. When talks will be held, you will be able to look them in the eyes: AIMIM chief Asaduddin Owaisi, in Mumbra, Maharashtra pic.twitter.com/9HIGhdr3YZ
— ANI (@ANI) February 25, 2023
मुस्लिम एकता का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा, “सिर्फ नारे लगाने से आप एक नहीं हो सकते। एकजुट होइए, मतदान कीजिए और नेता बनिए। जब बातचीत होगी, तो आप उनकी आंखों में देख सकेंगे।”
औरंगाबाद का नाम बदलकर संभाजीनगर किए जाने के मुद्दे पर एआईएमआईएम नेता ने इस मुद्दे पर चुप्पी साधने के लिए एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “मैं शरद पवार से उस हमले के बारे में पूछना चाहता हूं जो हमारे धर्मस्थल पर किया गया था। विशाल गढ़ में यह 500 साल पुराना दरगाह था लेकिन पवार कुछ नहीं कहते… लेकिन पुणे में वे मुस्लिम वोट मांगेंगे। उनका तर्क है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को रोकने के लिए उन्हें हमारे वोट चाहिए। लेकिन उनकी ही टीम में किसे जमानत मिली? क्या नवाब मलिक को मिला?”
उन्होंने कहा, “भड़काऊ भाषण के लिए मुझे दोषी ठहराया गया है, लेकिन मैं सच बोल रहा हूं।” ओवैसी ने कहा कि, “कोई पार्टी मुस्लिम आरक्षण की बात नहीं करती। क्या महाराष्ट्र में मुसलमानों को आरक्षण नहीं मिलना चाहिए? सबसे ज्यादा भूमिहीन मुसलमान महाराष्ट्र में हैं। लेकिन पवार इस बारे में बात नहीं करेंगे।”