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Representative Photo/Social Media

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    • दुर्गापुर में वार्ड क्रमांक 3 तो मूल तहसील में मारोडा की घटना 
    • वनविभाग कार्यालय समक्ष शव रखने से तनाव बढा

    दुर्गापुर/मूल: धूपकाले के दिनों में जंगल क्षेत्र में तालाब का पानी व कृत्रिम जलभंडारण का पानी सुखने के कगार पर होने के कारण जंगली वन्यप्राणीयों ने जंगल से सटे गांव की ओर अपना रूख मोडा है. दुर्गापुर वार्ड क्रमांक 3 दिल्ली मुहल्ले के आगे नाले किनारे के पास बनी झोपडी में सो रही गीता मेश्राम पर रविवार की मध्यरात्री तेंदुआ ने हमला किया. जिसमें उनकी मृत्यु हो गई. पिछले कई दिनेां से दुर्गापुर परिसर में तेंदुआ के हमले हो रहे है. मृतक के परिवारवालों ने शव को सिव्हील लाईन परिसर के वनविभाग कार्यालय समक्ष रखा जिससे परिसर में तनाव निर्माण हुवा. तत्पश्चात वनअधिकारी को मांगो का ज्ञापन सौपा गया. तो मूल तहसील के मारोडा गांव में मवेशीयों को घास चराने लेकर गए गजानन गुरनूले 60 पर बाघ ने हमला कर दिया. जिसमें गजानन की मृत्यु हो गई. 

    वार्ड नं 3 दिल्ली मुहल्ले के आगे नाले किनारे के पास बनी कई झोपडीयों का निर्माण किया है. जिनमें से एक झोपडी में गीताबाई विट्ठल मेश्राम 47 निवासीत थी. वह बच्चों के झोपड़ी में सुकून से जीवन यापन करती थी. रविवार की मध्यरात्री 12 से 1 बजे के दौरान तेंदुआ शिकार की तलाश में झोपडी तक पहुच गया. इसी बीच झोपडी में सोयी  गीता मेश्राम आंगन में लगे अर्थिंग को पानी डालने हेतू उठी व आंगण में गयी. वहां पहले से ही मौजूद तेंदुआ ने छलांग लगाकर गीता पर हमला किया. जिसमें गीता की मृत्यु हो गई. 

    वाइल्ड लाइफ वेलफेयर सोसाइटी के अजय यादव के मुताबिक मृतिका का घर नाले से दूर है. पहले कई घर आते है परंतु तेंदुआ ने इनके घर आकर कैसे हमला किया यह समझ के बाहर है. वन विभाग के आरएफओ के मुताबिक नाले के आसपास अभीभी कुछ झाडीयां है. उस क्षेत्र में सुअर, कुत्ते और बकरियों की संख्या के देखते हुए तेंदुआ वहां पहुँच रहे है.  फिलहाल वन विभाग द्वारा 4 पिंजरे लगाए गए है. घटना रोकने का प्रयास किया जा रहा है. 

    7 से 70 वर्ष के उम्र के लोगों का किया शिकार

    पिछले 2 वर्षों में 10 को जंगली जानवरों ने मारा, कई घायल 

    30 मार्च को समता नगर में अपने नाना के मृत्यु पर आये 8 वर्षीय प्रतीक बावने को तेंदुआ ने घर से उठा कर लेकर चला गया था. 17 फरवरी को 16 वर्षीय राज भड़के  को रात के 9 बजे दुर्गापुर के आश्रम शाला के पीछे से तेंदुआ ने उठा कर ले गया जिसकी लाश दूसरे दिन मिली. 16 फरवरी को सीटीपीएस परिसर में भोजराज मेश्राम, 27 सितंबर 2021 को बुजुर्ग -रत्नपारखी की लाश वेकोलि दुर्गापुर क्षेत्र के जंगल में मिला था.

    5 महीने पूर्व वेकोलि दुर्गापुर के एक लेबर कैम्प के पास 26 वर्षीय युवक पर बाघ ने हमला किया था जिसमें उसकी जान चली गयी. वेकोलि दुर्गापुर के डेढ़ वर्ष पूर्व एक युवक का लाश तेंदुआ द्वारा खाया हुआ क्षत_विक्षत लाश मिला था. 2 वर्ष पहले दुर्गापुर खदान के लिये बन रहे टाइम ऑफिस के पास एक प्राइवेट चौकीदार को तेंदुआ ने हमला कर के जान ले ली थी. सीटीपीएस में एक सी आई एस एफ के जवान के 8 वर्षीय सुपुत्री को तेंदुए ने उठाकर अंदर के क्षेत्र में ले जाकर उसे मार दिया था.

    इस घटना से परिसर में आक्रोश दिख रहा है. दुर्गापुर निवासी गीता मेश्राम के शव को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल लाया गया. तत्पश्चात शव को परिवार को सौपा गया. भाजपा नेता रामपाल सिंह के नेतृत्व में शव को दुर्गापुर ले जाने की बजाय वन विभाग के सिविल लाइन नागपुर रोड स्थित मुख्य वन सरंक्षक कार्यालय लेकर गए. इसकी खबर पुलिस को मिलते ही मुख्य वन सरंक्षक के मुख्य द्वार को घेर लिया. भाजपा पदाधिकारी, कार्यकर्ताओं और मृत महिला के परिवारों ने शव को मुख्य द्वार पर रख दिया. 

    भाजपा और परिवार की माँग थी कि मुआवजा 15 लाख की बजाय 20 लाख मिले साथ ही आगे ऐसी अनहोनी घटना और न घटे, इसके लिए जंगली जानवरों को सीधे शूट आउट करने का आदेश दिया जाय. मुख्य वन सरंक्षक लोनकर ने अपनी असमर्थता जताते हुए कहा कि, जंगली जानवरों को शूट आउट करने का आदेश देने का अधिकार मेरे पास नहीं है. मैं उच्चधिकारियों को पत्र लिखकर मांग करूंगा. तब आंदोलनकारियों ने कहा कि उक्त पत्र की एक कॉपी हमलोंगो की दी जाए. वन विभाग ने शूट आउट करने की मांग वाला पत्र भाजपा नेताओं को दिया गया तब जाकर शव वहां से हटाया गया. 

    मूल:

    मूल तहसील के मारोडा निवासी गजानन गूरनूले 60 स्वयं खेत में मवेशीयों को घास चराने लेकर गया. इसी दौरान बाघ ने हमला कर उसे 1 किमी तक खिंचकर ले गया. जिसमें उनकी मृत्यु हो गई. यह घटना गांव में फैलते ही गजानन को खेत की ओर तलाशा गया. रात के साडे आठ बजे के दौरान खेती में गाववासीयों को कुछ दूरी पर गजानन की टोपी, धोतर मिला परंतु गजानन कही नजर नही आया. आगे जाकर देखने पर गजानन का शव मिला. उसका एक पैर व एक हाथ खाया हुवा था.

    इसके पहले भी बाघ ने गजानन पर हमला किया था. परंतु वह उस समय बच निकला था. उपचार के चलते वह ठीक हुवा था. परंतु इस बार गजानन स्वयं की जान बचाने में असफल रहा. तहसील की यह परीसर की तीसरी घटना है. इसलिए परिसर के लोग भयभीत है. इस घटना की ओर वनविभगा ने शासन स्तर पर गंभीरता से ध्यान देकर बाघ के बंदोबस्त की मांग की जा रही है.