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    • हडताल को जल्द से जल्द हल करने की मांग 

    चंद्रपुर/भद्रावती. एसटी कर्मचारीयों को सरकार की सेवा में समाविष्ट करने की मांग को लेकर पिछले 49 दिनों से एसटी कर्मचारी हडताल पर है. बुधवार को भी इन कर्मचारीयेां को आंदोलन का कोई हल नही निकल पाया. एसटी कर्मचारीयों के हडताल को आज अर्धशतक पुर्ण हो गया. इस बीच एसटी बसेस नही चलने से सभी यात्रियों का परेशानियों का सामना करना पड रहा है. एसटी कर्मचारीयों की हडताल को देखते हुए यात्रियों ने सरकार से हडताल का जल्द से जल्द हल निकालने की मांग की है. 

    एसटी को ग्रामिणवासियों की लालपरी कहा जाता है. गांव वहां एसटी के तहत छोटे से छोटे गांव तक एसटी पहुच रही है. परंतु एसटी कर्मचारीयों की हडताल से एसटी के पहिए बस डिपो में ठप्प हो गए है. चंद्रपुर डिवीजन अंतर्गत आनेवाले चंद्रपुर, राजुरा, चिमूर, वरोरा आगार की सभी बसेस ठप्प पडी हुई है. इसकी वजह से शहरी क्षेत्र व ग्रामिण क्षेत्र को यात्रियों का रोजाना निजि वाहनों का सहारा लेना पड रहा है. एसटी बसेस बंद होने का फायदा उठाकर निजि वाहनों में यात्रियों का ठूस_ठूस कर भरा जा रहा है. तो कई प्रवासियों से अधिक राशी लेकर अन्याय किया जा रहा है. 

    एसटी बस बंद से रोजाना करनी पड रही दौड धूप- रेखाते 

    पतंजलि योग समिति के चिकित्सक डॉक्टर निलेश रेखाते जो चंद्रपुर के अस्पताल में अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं. इन्हे रोजाना भद्रावती से चंद्रपुर अप डाउन करना पड़ रह है. ऐसे में एसटी के सिवाय दूसरा कोई साधन नही है. परंतु एसटी कर्मियों की हड़ताल से आनेजाने में काफी दौड धूप व परेशानियां उठानी पड़ रही है. एसटी कर्मियों की हडताल के कारण शारीरिक, मानसिक व आर्थिक नूकसान हो रहा है. हडताल के चलते स्वयं के बाइक से तो कभी दोगुनी राशी देकर निजि वाहनों से आवागमन करना पड रहा है. सरकार ने ओर ध्यान देकर एसटी की हड़ताल को जल्द से जल्द समाप्त करने के लिए उचित कदम उठाने की मांग की है.

    विद्यार्थियों के शिक्षा का नुकसान- पुजा शर्मा 

    कोरोना बीमारी के बाद सरकार द्वारा सब कुछ अनलाक कर दिया. स्कूल कालेज भी खोल दिए गए. भद्रावती से चंद्रपुर जाने वाले विद्यार्थियों की संख्या बहुत अधिक है. परंतु कॉलेज खुलने के बाद एसटी बस की हड़ताल शुरू रहने से कॉलेज आने वाले विद्यार्थियों का शिक्षा का बहुत नुकसान हो रहा है.

    महाविद्यालयीन विद्यार्थियों को एसटी के सिवाय सुरक्षित दूसरा कोई वाहन नही है. एसटी द्वारा विद्यार्थियों के लिए पास की सुविधा उपलब्ध होने से हर विद्यार्थी पास निकालकर आना-जाना करते है. लेकिन एसटी की हड़ताल शुरू होने से बच्चों का शैक्षणिक नुकसान भी हो रहा है.

    दूसरे साधनों से आवागमन करना मुश्किल होता है. प्रतिदिन दोगुना भाडा देकर आनाजाना करना मुश्किल है. सभी निजि वाहनों में लोगों को ठूस_ठूस कर भरे जा रहे है. जो कि विद्यार्थिनियो के लिए नामुक्कीन है. इसलिए सरकार से एसटी की हड़ताल को जल्द से जल्द खत्म कर विद्यार्थियों के शैक्षणिक नुकसान व पालकों पर अतिरिक्त भार पड़ने से बचाने की मांग की जा रही है.