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    • लावारी (मरार) की घटना

    चिमूर. नेरी के पास लावारी (मरार) गांव में बीती रात 12 बजे के बीच जब पूरा गांव चैन की नींद सो रहा था उसी बीच अंधेरे का फायदा उठाकर बाघों ने गांव में घुसकर दिनकर किसन लेनगूरे के घर के पिछे से बकरीयों पर हमला कर दिया. जिसमे 3 बकरीयां व 1 बकरे की मृत्यु हो गई. यह घटना सुबह उजागर होते ही गांव में दहशत का माहोल है. 

    लावारी चिमूर तहसील के अंत में एक छोटा सा गांव है और वन क्षेत्र से सटा हुआ है. इस गांव के आसपास हमेशा एक बाघ का मुक्त संचार है. रविवार की रात 12 बजे के बीच एक बाघ गांव में घुसकर गांव में मध्यवर्ती क्षेत्र में मौजूद दिनकर लेनगूरे के घर के पिछे बाड़ तोड़कर गोशाला में घुसकर बकरीयों पर हमला किया.

    एक बकरी को मारकर उसे दूर खींचने की कोशिश की, लेकिन जैसे ही बकरी को डंडे से बांधा गया था उससे बाघ की कोशिश नाकाम रही. तो उसने दूसरी बकरी पर हमला किया लेकिन वह भी बंधे रहने से उसे भी लेकर जाना असंभव रहा. तिसरी बकरी पर भी हमला किया. तत्पश्चात बकरे पर हमला किया. बकरा लोहे के राड से बंधे होने के कारण राड केा उखाडकर उसे जंगल की ओर घसीटते लेकर गया. सोमवार की सुबह यह बात उजागर होने पर लेनगूरे घर लोगों का मजमा जमा हुवा. गांव के भीतर तक बाघ आया ही कैसे यह सवाल नागरीक उठा रहे है. 

    इसकी सूचना वनविभाग को मिलते ही वनअधिकारीयों ने घटनास्थल पहुचकर मृत बकरीयों का पंचनामा कर दफन किया. दिनकर लेनगूरे यह गरीब होने के कारण यह बकरीयों पर निर्वाह चल रहा था. इससे उनका काफी नुकसान हुवा है. गांववासियों ने पिडीत को नुकसान मुआवजा दिए जाने व बाघ का बंदोबस्त करने की मांग की है.