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चंद्रपुर. अवैध रूप से मिट्टी खोदकर ईंट बना रहे एक ईंट कारोबारी पर तहसीलदार ने कार्रवाई करते हुए 22 लाख 96 हजार रुपये का जुर्माना ठोका है. शहर के मौजा विजासन परिसर में एक ईंट व्यवसायी अरविंद रंगारी ने तालाब मालिक व राजस्व प्रशासन की अनुमति के बिना तालाब की मिट्टी की अवैध रूप से खुदाई की और जेसीबी और ट्रैक्टर की मदद से इसे अपने ईंट भट्ठे पर ले गया.

इस संबंध में तालाब मालिक दिलीप मांढरे ने 20 जून को तहसीलदार को लिखित में शिकायत दर्ज करायी थी. तहसीलदार अनिकेत सोनावणे ने स्वयं विजासन के तलाठी और मंडल अधिकारी के माध्यम से जांच की. इसमें तथ्य सामने आये. ईंट भट्ठे पर 400 ब्रास मिट्टी का अवैध स्टॉक मिला. अरविन्द रंगारी ने उक्त मिट्टी मौजा विंजासन में भूमि क्रमांक. 418 से लिए जाने की बात कही. तहसीलदार और संबंधित जांच अधिकारियों ने उस सर्वे नंबर का निरीक्षण भी किया. वहां कोई उत्खनन नहीं मिला.

उससे जांच में आखिरकार पता चला कि यह मिट्टी तालाब से ही खोदी गई थी. 21 अगस्त को अवैध रूप से मिट्टी खनन कर रहे ईंट भट्ठा व्यवसायी अरविंद रंगारी पर तहसीलदार ने 22 लाख 96 हजार रुपये का जुर्माना लगाया था. जुर्माना भरने तक तहसीलदार को उसके ईंट भट्ठे से माल जब्त कर लेना चाहिए था. लेकिन एक माह का समय बीतने के बाद भी राजस्व विभाग कागजों में जुर्माना लगाकर चुप बैठ गया. इस दौरान ईंट व्यापारी ईंट भट्टे से माल बेचता रहा. अत: राजस्व प्रशासन, तहसील प्रशासन द्वारा लगाये गये जुर्माने का क्या होगा? यह सवाल उठ रहा है. 

इस संबंध में तहसीलदार अनिकेत सोनावणे ने बताया, व्यापारी के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की गई है. उसके बाद भी ईंट बेच रहा हो तो इसकी जांच कर कार्रवाई करने की जानकारी दी.