मनरेगा के कार्य से मछुवारों को मिल रहा रोजगार, मनरेगा के तहत तालाब की सफाई व नहरों की सफाई

    Loading

    चंद्रपुर. चंद्रपुर तहसील के आसपास के छोटे-छोटे गांव यह खेतीयों पर परिवार का निर्वाह करते है. यह खेतीयां वहां के तालाबों पर निर्भर है. साथ ही इन गावों के मछुवारे भी रोजगार के लिए इन्ही तालाबों पर निर्भर है. शहर समिपस्थ जुनोना गावं के अधिक्तर लोग खेती करते है. परंतु यहां के तालाब में मिट्टी व जलजन्य वनस्पतीयों से भरा होने के कारण सिचाई के लिए लोगों केा दिक्कतों का सामना करना पडता था. इसके कारण तालाब में पानी की क्षमता कम हो रही थी. जिससे मछुआरों को बेरोजगार का सामना करना पडता था. परंतु इसबार मनरेगा के अंतर्गत तालाब से मिट्टी निकालने व वनस्पती निकालने का काम करने के बाद मछुआरों को बडे पैमाने पर मछलियों की बिक्री का रोजगार उपलब्ध हुवा है. 

    जुनोना गांव के लोग व मछुआरों ने तालाब में मिट्टी तथा वनस्पती फैलने की बात ग्रामपंचायत के ध्यान में लाने पर मनरेगा अंतर्गत तालाब से मिट्टी निकालने व जलजन्य वनस्पती निकालने का काम शुरू किया गया. इसके लिए 3 हजार 536 मजदूर व उन्हे मनरेगा अंतर्गत 248 रूपए देकर यह काम आठ दिन में पूर्ण किया गया. यह तालाब यहां के किसान व मछुवारों को रोजगार के लिए वरदान साबीत हो रहा है. 

    तालाब की मिट्टी निकालकर साफ करने से जलभंडारण क्षमता में वृध्दी हुवी है. साथ ही जलजन्य वनस्पती निकालने से 19 मछुवारों के रोजगार में वृध्दी हुवी है. साथ ही खेतीयों को पानी आपूर्ति करने के लिए नहरों को सफाई करने का काम मनरेगा अंतर्गत कर प्रत्येक खेती को फसल पानी की सुविधा उपलब्ध करायी गई है. इसलिए परिसर के खेती सिचाई में आने से उत्पादन वृध्दी में लाभ होगा. 

    महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामिण रोजगार गारंटी योजना अंतर्गत सभी तालाब का काम पूर्ण करने से गांव के मजदूरों को रोजगार उपलब्ध हुवा है. किसान व उनके परिवार के सदस्य, खेतमजदूर को मनरेगा अंतर्गत रोजगार से आर्थिक सहायता प्राप्त हो रही है. 

    मनरेगा के माध्यम से तालाब की मिट्टी निकालने व सफाई करने के काम से मत्स्य पालन पुन: शुरू हुवा है. इसके आगे भी ऐसे ही काम मनरेगा के माध्यम से लिए जायेगे.

    आशितोष सपकाल ( गटविकास अधिकारी, पं.स. चंद्रपुर)