Heavy rain again affected life; River, drains are in spate, Wardha river is overflowing

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चंद्रपुर. जिले में तीन दिन पूर्व हुई अभूतपूर्व बारिश से हुए जलभराव से हुई क्षति की यादें अभी ताजा ही थी कि, शुक्रवार को फिर एक बार जिले में धुवांधार बारिश हुई, जिससे पुनः एक बार जनजीवन बुरी तरफ प्रभावित हुआ. 

मौसम विभाग द्वारा जिले में शुक्रवार को ऑरेंज अलर्ट जारी करते हुए तेज बारिश होने का पूर्वानुमान पहले ही व्यक्त किया गया था, यह अनुमान सटीक साबित हुआ और जिले में अधिकांश स्थानों पर सुबह 10 बजे से ही झमाझम बारिश ने अपनी उपस्थिति दर्शाना शुरू किया, यह बारिश दोपहर 12 के बाद से तेज होती चली गयी, जिससे फिर एक बार चंद्रपुर शहर समेत जिले के अधिकांश गांवों में नदी, नाले लबालब हो गए.

पिछले 4 दिनों से कभी तेज तो कभी रिमझिम हो रही बारिश से जिले के अधिकांश जलाशयों में अब तेजी से जलसंग्रहण बढ़ता जा रहा है. शुक्रवार तक जिले के 4 जलाशय ओव्हरफ़्लो हो चुके थे, चंदई, चारगांव और असोलमेंढा जलाशय मंगलवार को ही ओव्हरफ़्लो हो चुके थे, इनमें शुक्रवार को लभानसराड जलाशय का भी इजाफा हुआ. उल्लेखनीय है कि,असोलमेंढा जलाशय की जलसंग्रहण क्षमता 213.840 मीटर की है, जिसमें अब पानी का स्तर 214.110 मीटर तक पहुंच गया है.चंदई की क्षमता 231 मीटर, चारगांव की 226.500 मीटर तथा लभानसराड की क्षमता 226.700 मीटर की है, यह सभी जलाशय फुल्ल हो चुके है तथा इनसे पानी छोड़ा जा रहा है. 

चंद्रपुर शहर से करीब स्थित इराई बांध में भी अब जलस्तर तेजी से बढ़ने लगा है, इस बांध में चारगांव जलाशय से छोड़ा जाने वाला पानी जमा होता है. इराई बांध शुक्रवार तक 52 प्रतिशत तक भर चुका था. इस जलाशय की जलसंग्रहण क्षमता 207.500 मीटर की है, खबर लिखे जाने तक इस बांध में 205.250 मीटर पानी एकत्रित हो चुका था. 

जिले के अन्य जलाशयों में डोंगरगांव प्रकल्प भी अब ओव्हरफ़्लो की दिशा में बढ रहा था, यह जलाशय 92.76 प्रतिशत तक भर चुका था, यही हाल घोडाझरी प्रकल्प का है, यह जलाशय 72 प्रतिशत तक भर चुका था.नलेश्वर 55 प्रतिशत, पकड़ीगुड्डम 41 प्रतिशत तो अमलनाला 37 प्रतिशत भर गया है.

उधर वर्धा जिले में स्थित लाल नाला प्रकल्प से लगातार 411 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है, जिससे वर्धा नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ने लगा है. शुक्रवार दोपहर तक वर्धा नदी का पानी बल्लारपुर से राजुरा मार्ग पर स्थित पुल को टच करने की स्थिति में पहुंच चुका था. गौरतलब है कि, इस पुल से ही तेलंगाना और महाराष्ट्र के बीच अंतरराज्यीय यातायात जारी रहती है. गोसीखुर्द बांध से भी 5238 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है, जिससे वैनगंगा नदी के जलस्तर में भी तेजी से इजाफा हो रहा है. 

औसत से 40 प्रतिशत बारिश

जिले में 1 जून से शुक्रवार तक इस मौसम की औसत से 40 प्रतिशत बारिश हो चुकी थी. गुरुवार को जिले में मूल तहसील में सर्वाधिक 138 मिमी बारिश दर्ज की गई. अन्य तहसीलों में सावली में 120, पोंभुरना 102, गोंडपिपरी 80, ब्रम्हपुरी, नागभीड़ 65 और सिंदेवाही में 46 मिमी बारिश हुई थी. गौरतलब है कि, वर्ष 2022 के मुकाबले जिले में अब तक कुछ कम ही बारिश हुई है. जिले में वर्ष 2022 को 20 जुलाई तक 54 प्रतिशत के हिसाब से औसतन 651 मिमी बारिश हुई थी, इस वर्ष यह बारिश 38.8 प्रतिशत के हिसाब से 468 मिमी रही है. 

जलाशयों की स्थिति

असोलमेंढा  – 100 प्रश

चंदई           – 100 प्रश

चारगांव       – 100 प्रश

लभानसराड – 100 प्रश

इराई            –   52 प्रश

घोडाझरी      –   72 प्रश

नलेश्वर        –    55 प्रश

डोंगरगांव     –    92 प्रश

पकडीगुड्डम  –    40 प्रश

अमलनाला   –    37 प्रश