Corona
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    भद्रावती. कोरोना अब शहरी भाग से थोड़ा सा कम होता नजर आ रहा है लेकिन ग्रामीण भाग में यह अपना पैर फैला रहा है. शहरों में तो कड़क  लाकडाउन का असर देखा जा रहा है और कोरोना के मरीजों में भी कुछ कमी नजर आ रही है. लेकिन ग्रामीण भाग में कोरोना ज्यादा जोर पकड़ता नजर आ रहा है.

    ग्रामीणों के मन में बैठा है डर 

    शहर की जनता इस बीमारी का थोड़ा बहुत संज्ञान लेकर दवा खानों की ओर जा रही है. लेकिन ग्रामीण क्षेत्र में इस बीमारी को ज्यादा सीरियसली नहीं लिया जा रहा. कारण यह है ग्रामीण क्षेत्र की जनता या फिर ग्रामीण क्षेत्र में कहीं पर कोई भी गांव में किसी को भी थोड़ा बहुत बुखार या सर्दी रहती है तो वह इससे कोरोना के लक्षण मानने को तैयार ही नहीं. उसे लगता है कि यह तो मौसमी बुखार और सर्दी है गांव में जो छोटे-मोटे डॉक्टर है उनसे दवा लेने से यह बुखार और सर्दी ठीक हो जाएगी.

    यदि हम शहर में किसी बड़े डॉक्टर के पास गए तो वह हमें कोरोना का टेस्ट करवाने लगाएगा और फिर यह कोरोना जी का जंजाल बन जाएगा और लोगों ग्रामीण क्षेत्र के लोगों की यह भय ज्यादा व्याप्त है कि कोरोना का पेशेंट यदि दवाखाने में भर्ती होता है तो उसके बचने की उम्मीद बहुत कम होती है. ऐसी गलत धारणाओं के कारण ग्रामीण क्षेत्र की जनता शहर में आकर अपना इलाज करवाने से डर रही है. एक तो पैसे भी ज्यादा लगते हैं और पेशेंट ठीक होकर घर आने की चांसेस कम होते हैं.

    वैसे ही  ग्रामीण क्षेत्र की जनता के मन में बसी हुई है इस वास्ते ग्रामीण क्षेत्र की जनता में यह बीमारी अपने बुरी तरह  फैल  रही है महाराष्ट्र शासन की ओर से जिस तरह इस बीमारी को शहर में काबू किया जा रहा है. उसी तरह ग्रामीण क्षेत्र में इस बीमारी पर अंकुश लगाने हेतु पुरजोर प्रयास कर रही है.

    तहसील में 5 आइसोलेशन सेंटर

     भद्रावती तहसील की पांच आइसोलेशन सेंटर ग्रामीण भागों में बनाए गए हैं जिनमें मुधोली, चंदनखेड़ा, नंदोरी, घोडपेठ और माजरी ऐसे पांच जगह आइसोलेशन सेंटर बनाए गए हैं. इन 5 सेंटरों में घोडपेठ में 4 चंदनखेड़ा में 7 और और डोंगरगांव जिला परिषद स्कूल में जो आइसोलेशन सेंटर बनाया गया उसमें 5 मरीज आइसोलेट है और सभी ग्राम पंचायतों को यह आदेश दिया गया है कि गांव के स्कूलों में आइसोलेशन सेंटर शुरू किया जाए. वायगांव में ऑक्सीजन कम वाले 6 मरीजों को भद्रावती सेंटर में लाकर उनका इलाज किया जा रहा है.

    अब तक 23 हजार से अधिक का वैक्सीनेशन 

    महाराष्ट्र शासन की ओर ग्रामीण क्षेत्र में बीमारी न फैले इसके लिए जनजागृति कार्यक्रम लेकर बीमारी से किस तरह बचा जाए यह ग्रामीण जनता को समझाया जा रहा है. अभी तक ग्रामीण क्षेत्र में वैक्सीनेशन देने का काम भी जोरों पर  है और जरूरत के अनुसार हुए ग्रामीण भागों में भी भेजा जा रहा है अभी तक पीएचसी माजरी में 2800 डब्ल्यूसीएल माजरी में 1445 पीएचसी चंदनखेड़ा में 936 पीएचसी डोगरगांव में 851 पीएचसी घोडपेठ में 564 पीएचसी मुधोली में 425 सब सेंटर नंदूरी में 274 शेगांव खुर्द 154 मांगली में 204 घोनार्ड में 357 चेकतिरवंजा 100 मोहूर्ली में 331 आष्टा में 320 सागरा में 367 कोंडा में 21  सब सेंटर पटाला में 290 इस तरह ग्रामीण क्षेत्रों में वैक्सीनेशन का कार्य हुआ है ग्रामीण और शहरी से बागों में कुल इक्कीस वैक्सीनेशन सेंटर बनाए गए हैं. जिनमें अभी तक ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में मिलकर 23,710 वैक्सीनेशन दिए गए हैं.

    हल्के लक्षण से उपचार कराये

     सरकार की ओर से जिस तरह वैक्सीन उपलब्ध होती है इस तरह से वैक्सीनेशन किया जा रहा है. फिर भी ग्रामीण क्षेत्र में कोरोना अपने पैर फैला रहा है यह सिर्फ लोगों की अज्ञानता और निरक्षरता के कारण यदि ग्रामीण क्षेत्र की जनता भी इस बीमारी को थोड़ा सा सीरियसली ले तो यह प्रमाण ग्रामीण क्षेत्र में भी कम होता नजर आएगा. ग्रामीण क्षेत्र की जनता इस बीमारी को हल्के में ना लें और थोड़ी तबीयत खराब होने पर सर्दी खांसी या बुखार या फिर अन्य कोई भी लक्षण दिखने पर सीधे शहरी भाग में आकर अपना इलाज कराए तो इस बीमारी को ग्रामीण क्षेत्र में भी काबू किया जा सकता है.