Anganwadi Workers Movement

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चंद्रपुर. आंगनवाडी महिलाओं की समस्याओं को लेकर आंगनवाडी कृति समिति की ओर से राज्यव्यापी बंद का आहवान किया गया है. राज्य की दो लाख आंगनवाडी महिला इस हडताल में शामिल है. आंगनवाडी महिलाओं को कर्मचारी का दर्जा दें, तब तक न्यूनतम 26000 रुपये मानधन दिया जाए, आश्वासन के अनुसार आंगनवाडी महिाओं को मानधन, पेंशन तथा ग्रैज्युटी दी जाए आदि मांगों को लेकर यह अनिश्चितकालिन हडताल शुरू की गई है. 

इसके चलते आज मंगलवार को जिला परिषद के सामने संगठन की ओर से धरना आंदोलन कियाग या. इसमें एक हजार से अधिक आंगनवाडी महिला इस धरना कार्यक्रम में सहभागी हुई. संघर्ष हमारा नारा है, भावी इतिहास हमारा है. आंगनवाडी महिलाओं को कर्मचारी का दर्जा मिलना चाहिए, आंगनवाडी महिलाओं को न्यूनतम 27 हजार रुपये मिलने चाहिए, सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय का क्रियान्वयन कर आंगनवाडी महिलाओं को ग्रैज्युईटी लागू करें, मानधान पर आधारित पेंशन मिलना चाहिए आदि घोषणाएं दी गई. 

इस समय प्रा. रमेश दहीवडे ने कहा कि जनता द्वारा चुने गए विधायक, सांसद के भविष्य का विचार कर उन्हें पेंशन दी जाती है. यही विधायक जनता का विचार क्यो नहीं करते है. केवल आश्वासन देते है परंतु उस पर अमल नहीं करते है. पेंशन तथा ग्रैज्युईटी दी जाएगी ऐसा आश्वासन विधानसभा में दिया गया. आठ माह की अवधि बीतने के बाद भी इसपर क्रियान्वयन नहीं हुआ. क्रियान्वयन किया जाना चाहिए इसी मांग को लेकर अनिश्चितकालिन हडताल की जा रही है. 

किशोर जामदार ने कहा कि कामगारों को संघर्ष किए बिना कुछ नहीं मिलता है. देश में लोकतंत्र पूरी तरह पूंजीवाद में रूपांतर हो चुका है. इसलिए गरीब दिनों दिन गरीब हो रहा है और अमीर और अमीर हो रहा है. गरीबों पर अन्याय हो रहा है. इस अन्याय का विरोध करनेवालों को दबाया जा रहा है. इस दमनतंत्र का संगठित होकर विरोध करना चाहिए.  मोर्चे को प्रमोद गोडघाटे, अरूण भेलके, राजेश पिंजरकर ने संबोधित किया. सफलतार्थ शारदा लेनगुरे, संध्या खनके, राधा संकुरवार, सुशिला कर्णेवार, गुजा डोंगे, ललिता चौधरी, मोनाली जांभुले का योगदान रहा.