मूर्तिकारों के साथ गणेशभक्तों पर महंगाई की मार, मूर्तियों के दामों में 25 प्रतिशत तक वृध्दि

    Loading

    • मांग बढ़ी किंतु समय कम पड़ा

    चंद्रपुर. जन्माष्टमी के बाद अब महाराष्ट्र का एक बडा और महत्वपूर्ण त्योहार गणेशोत्सव आ गया है. दो वर्षो से कोरोना की वजह से नुकसान सहन कर रहे मूर्ति कारीगरों पर इस वर्ष महंगाई की मार पड़ रही है. कारीगरों के अनुसार मूर्ति निर्माण में प्रयोग होने वाला मिट्टी, रंग, धान का भूसा, पैरा, राखड़, लकड़ी  दोगुनी कीमत पर खरीदनी पड़ रही है. गाड़ी वाले भी ज्यादा किराया मांगते हैं. इसकी वजह से मूर्तिकारों को लागत अधिक लग रही है इसका असर मूर्ति की कीमत पर पड़ रहा है और मूर्ति के दामों में 25 प्रतिशत तक वृध्दि हुई है. इसके बाजवूद आर्डर अधिक होने से अब मूर्तिकार मूर्तियों को अंतिम रुप देने में जुटे है.

    सरकार द्वारा प्लास्टर ऑफ पेरिस की मूर्तियों पर प्रतिबंध लगा हुआ है. जिसके कारण मिट्टी की प्रतिमाएं श्रद्धालुओं को दोगुनी कीमत देकर खरीदनी पड़ सकती है. क्योंकि मूर्तिकारों को ही प्रयोग होने वाला कच्च मटेरियल महंगा मिल रहा है इसकी वजह से उनकी मेहनत और लागत बढ गई है नतीजा गत वर्ष की तुलना में 25 प्रतिशत तक मूर्ति के कीमत बढे है.

    31 अगस्त को हर घर में गणपति की स्थापना होगी. अब इसे महज कुछ दिन ही बचे है. इसलिए सार्वजनिक मंडल तथा घरेलू गणेश भक्तों ने तैयारी शुरु कर दी है. इन दिनों मूर्तिकार मूर्तियों को अंतिम रुप देने में जुटे है. खासकर उनके परिवार वाले इस काम में लगे हैं.  मंहगाई बढ़ने की वजह से उन्हें भी भारी आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ रहा है. इस बार मनपा ने प्लास्टिक ऑफ पेरिस की प्रतिमा पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है.

    इसलिए मूर्तिकारों को यह प्रमाण पत्र देना होता है कि वे मूर्ति बेचते समय मिट्टी के बने हैं. गणेशोत्सव की पृष्ठभूमि में गणेश भक्तों में उत्साह है और वे तैयारियों में लगे हुए हैं. मूर्ति महंगी होने के बाजवूद राज्य सरकार ने गणेशोत्सव समेत अन्य त्योहारों से पूरी तरह से पाबंदी हटा दी है इसकी वजह से गणेश भक्तों में भारी उत्साह देखने को मिल रहा है. उसी प्रकार मूर्ति की ऊंचाई की शर्त भी शिथिल कर दी गई है इसलिए गणेश मंडल ऊंची मूर्तियों के आर्डर दे रखे है. इसकी वजह से शहर के मूर्तिकार पिछले 4 से 6 महीने से काम में जुटे है. महंगाई के साथ इस वर्ष जिले में अतिवृष्टि की वजह से मूर्ति गीली होकर नुकसान न हो इसके लिए बडे बडे मंडप तैयार किए गए है. उसे प्लास्टिक से कवर किया गया है. 

    मांग बढ़ी पर समय नहीं

    पिछले दो वर्ष कोरोना पाबंदी की वजह से सार्वजनिक गणेश मंडलों ने छोटी छोटी मूर्तियों की स्थापना कर गणेशोत्सव मनाया था. किंतु इस वर्ष बडे बडे सार्वजनिक मंडल बडी ऊंचाई वाली मूर्तियों की मांग कर रहे है. किंतु समय पर आर्डर आने की वजह से उसे पूरा नहीं कर सकते है. इसकी वजह से कुछ लोगों को मना कर रहे है.