Irregular radius of the bus at the original bus stand, students are having trouble due to circling

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    मूल. मूल तहसील का स्थान है. ग्रामवासियों का मुख्य केंद्र मूल शहर है. आसपास के गांव का मुख्य स्थान व मुख्य बाजार यहां होने से तथा यहां मौजूद उच्च शिक्षा संस्था के चलते आसपास के ग्रामीण क्षेत्र की छात्र-छात्राएं यहां शिक्षा के लिए आते है. यहां की स्कूल सुबह व दोपहर में होती है. स्कूल में आवाजाही हेतु छात्रों को रापनि बस का सहारा लेना पडता है.

    नवनिर्मिती बस स्टैंड पर नविन सुविधाए व छात्रों के बैठने के लिए कुर्सीयों की व्यवस्था की गई. परंतु बसेस का समय अनियमीत होने से शाम के समय विद्यार्थिनीयेां को कष्ट का सामना करना पड रहा है. कभी-कभी छात्रों को घर पहुचते देर शाम होती है. जिससे उनका शैक्षणिक नुकसान हो रहा है. इस समस्या पर रापनि प्रशासन समेत जनप्रतिनिधि व जनसेवक भी उदासिनता दिखा रहे है.  

    मूल शहर से सटे ग्रामीण क्षेत्र के छात्र_छात्राए पाचवी से स्नातक तक की शिक्षा लेने यहां की शिक्षा संस्था पहुचते है. स्कूल दो चरणों में सुबह व दोपहर को होती है. सुबह 7 से 11.30 व दोपहर 11.30 से 5.30 बजे तक होती है. सुबह की शिफ्ट के विद्यार्थी रापनि की बसेस की अनियमित समय के कारण दो पीरेड के पश्चात के स्कूल पहुच रहे है. तथा स्कूल खत्म होने के पहले शिक्षकों का बस का समय होने की जानकारी आधे में स्कूल छोडकर बस स्टैंड की ओर निकल पडते है.

    अनियमित बसेस के समय के बारे में गडचिरेाली व चंद्रपुर एसटी डेपो को पुछे जाने पर चंद्रपुर व गडचिरोली डिपो एक दूसरे को दोष दे रहे है. ऐसे बयानों से मात्र विद्यार्थियों की शिक्षा का नुकसान हो रहा है. परंतु इस गंभीर समस्या की ओर जनप्रतिनिधि से लेकर जनसेवक द्वारा अनदेखी की जा रही है.

    रविवार के दिन विद्यार्थी अगर एक्ट्रा क्लासेस हेतु स्कूल आते है अथवा परिक्षा के लिए आना हो तो उन्हे ऐसे समय रविवार के दिन सफर नही कर सकते ऐसी जानकारी दी उनके तिकट के पैसे लिए जाते है. अथवा पास फाडने के धमकी कंडक्टर की ओर से दी जाती है. तो अन्य आर्डीनरी बसेस में विद्यार्थियों को बैठने पर प्रतिबंध लगा दिया जाता है. तो कुछ छात्रों को बस से नीचे ढकेलने की शिकायत प्राप्त हुवी है. यह गंभीर समस्या है.  

    पहले ही कोरोना महामारी के दौरान दो साल तक छात्र बिना पढ़ाई के चले गए, ऑनलाइन शिक्षा के दौरान ग्रामीण क्षेत्र के छात्रों को इस शिक्षा से वंचित होना पड़ा. शिक्षा की स्थिति यह हो गई है कि तीसरी कक्षा में पढ़ने वाला छात्र सीधे पांचवीं कक्षा में, आठवी कक्षा का छात्र सीधे दसवीं कक्षा में, तो ग्यारहवी में शिक्षा लेनेवाला छात्र सीधे सीनियर कॉलेज में प्रवेश ले लिया है.

    और अब जब स्कूल और कॉलेज सुचारू रूप से शुरू हो गए हैं, तो एसटी निगम छात्रों को शिक्षा से वंचित करने का काम कर रहा है. क्षेत्र के ग्रामीण मांग कर रहे हैं कि प्रशासन इस बात पर गंभीरता से ध्यान दे कि कोई भी जनप्रतिनिधि, सामाजिक कार्यकर्ता और अधिकारी नहीं हैं इस गंभीर मामले पर ध्यान देते हुए छात्रों को शिक्षा की सुविधा उपलब्ध कराएं.