Leopard
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    दुर्गापुर. गुरुवार के शाम 7  बजे सीटीपीएस कॉलोनी के मुख्य रास्ते पर जंगली जानवर द्वारा एक सीटीपीएस कर्मी पर हमला किए जाने की घटना के बाद से उर्जानगर कॉलोनी सहित आस पास के क्षेत्र में दहशत का माहौल है. हिरई गेस्ट हाउस और मुख्य अभियंता निवास के बीच हुए जंगली जानवर के हमले से पास के तीन गेस्ट हाउस  वासी बुरी तरह से सहमे हुए है.खास कर के पैदल, साइकिल, दो पहिया वाहन  से चलने वालों के लिए बड़ा ही डर का कारण बन गया है.

    कॉलोनी में रहने वाले लोंगो के अलावा इस रास्ते से तीन पालियों में सैकड़ो कर्मी द्वारा ड्यूटी के लिए जाने वालो को अब सोचना पड़ेगा कि अकेले जाने के बजाय समूह में होकर इस रास्ते से आना जाना करें. साथ ही खतरे वाली जगह पर वन विभाग का कुछ दिनों के लिए कैम्प करने की जरूरत है. कॉलोनी के मुख्य रास्ते पर शाम के 7 बजे जंगली जानवर का हमला से जंगल से लगे उन सभी  के लिये खतरा उतपन्न हो गया है जिनका आना जाना झुडपी और पेड़ पौधे वाले क्षेत्र से होता है.

    सीटीपीएस कर्मी पर जंगली जानवर के हमले से सीटीपीएस प्रबंधक और वन प्रबंधक दोनों ही असमंजस में है कि क्या किया जाये? हालांकि वन विभाग ने पहले से ही 10 ठेकेदारी कामगारों को तैनात कर रखा है, परन्तु उससे कुछ फायदा होते नहीं दिख रहा है. अब वन विभाग ने अपने दसों ठेकेदारी कामगारों को जंगली जानवरों से बचने के उपाय के तहत प्रशिक्षण देने वाला है  लेकिन इससे क्या होगा ? समस्या जंगली जानवर से है. जबतक यहाँ रहेगा पता नहीं कब हमला कर दे. इसका उपाय के तहत पेड़ो के बीच छोटे झाड़ियों को काटने के अलावा जंगली जानवर को यहाँ से सदा के लिए हटाने की जरूरत है.

    लोगो का कहना है कि कोर और बफर जोन में रहने वालों पर जंगली हमले की वारदातें नहीं होती जबकि रिहायशी क्षेत्र  जो कि चारों तरफ से चारदीवारी है और दर्जनों सुरक्षा रक्षकों की ड्यटी रहती है उसके बाद जंगली जानवरों को हमला होने पर लोंग सोचने पर विवश है कि आखिर कहाँ रहा जाए?

     ज्ञात हो कि दो वर्ष पूर्व इसी कॉलोनी में  खेल रही आठ वर्षीय बच्ची को तेंदुआ ने जान ले ली थी उसके बाद गुरुवार को  बाइक पर जा रहे सीटीपीएस कर्मी पर  जान लेवा हमले ने आशंकाओं कुशंकाओ को जन्म दे दिया है.