
चंद्रपुर. ताडोबा अंधारी बाघ परियोजना के बफर और प्रादेशिक वन क्षेत्र के समीपस्थ स्थित तहसील के वहानगांव, बोथली,खानगांव, बरडघाट आदि गांव में मानव- वन्यजीव संघर्ष बढ गया है मानव और पालतु जानवरों की जान, फसल का बडे पैमाने पर नुकसान हो रहा है. इसके चलते मानव वन्यजीव संघर्ष से बचने के लिए उपायोजना करने की मांग किसानों ने की है. इस संदर्भ में एक निवेदन वनपरिक्षेत्राधिकारी (प्रादेशिक) के माध्यम से मुख्य वनसंरक्षक को प्रेषित किया गया है.
पिछले दो माह से वहानगांव, बोचली, खानगांव, बरडघाट खेत परिसर में बाघ के दर्शन हो रहे है. इसके चलते परिसर के किसान एवं ग्रामीणों में काफी दहशत है. अब तक बाघ ने 10 से 12जानवरों का शिकार किया है. किसानों के आंखों के सामने बैल का शिकार किए जाने की घटना हाल ही में हुई है.
तीन दिन पूर्व ही बहानगांव के किसान सुभाष दोडके खेत में बजरंग और छोटा मटका नामक दो बाघों के बीच संघर्ष में बजरंग की मौत हो गई. इन दोनों के संघर्ष को देखने के लिए परिसर के नागरिक दुपहिया चौपहिया, पैदल यहां पहुंचे थे जिससे किसान के खेत में बोया गया चने की फसल जमींदोज हो गई. किसान को भारी नुकसान उठाना पडा है. किसान के फसल का पंचनामा कर उसे नुकसान भरपाई दिए जाने की मांग की गई है.
निवेदन देनेवाले शिष्टमंडल में शंकर ननावरे, राजु कुळमेथे, कान्हाजी सावसाकडे, सुभाष दोडके, दशरथ सावसाकडे, मुरलीधर दोडके, गौरव दोडके, मैनाबाई दोडके, शारदा कुळमेथे, श्यामराव दडमल, निकेश मसराम, शंकर दडमल, प्रभाकर दोडके, रोशन कुळमेथे, गजानन गायकवाड, महेश सावसाकडे समेत अन्य किसानों का समावेश था.
अन्यथा हम करेंगे बंदोबस्त, ग्रामीणों की चेतावनी
इसके बाद वन्यप्राणी से मनुष्य, पालतु जानवर की जीवहानि नहीं हो इसके लिए मानव _ वन्यजीव संघर्ष पर प्रभावी उपाययोजना करें अन्यथा हम आनेवाले समय में अपनी पध्दति से उपाय करेंगे ऐस ऐसा इशारा वहानगांव एवं परिसर के किसानों ने चिमूर के वनपरिक्षेत्राधिकारी प्रादेशिक किशोर देऊरकर के माध्यम से मुख्य वनसंरक्षक चंद्रपुर को दिए गए निवेदन किया है.