पवनहंस पर ही जारी रहेगी पुलिस की उडान – खुद के हेलिकॉप्टर की प्रतिक्षा कायम

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  • आऊटसोर्स पर ही सरकार का जोर

गडचिरोली. नक्सलग्रस्त गडचिरोली जिले में नक्सलियों के बढते उपद्रव के चलते दुर्गम क्षेत्रों में कार्यरत जवानों को यथाशिघ्र सुविधा मिले, घायलों को तत्काल उपचार मिले इस उद्देश से सरकार ने वर्ष 2015 में पवनहंस हेलिकॉप्टर को पुलिस दल में शामिल किया था. किराएं तत्व पर लिए गए इस हेलिकॉप्टर पर ही अबतक जिला पुलिस दल की उडान कायम है. उक्त हेलिकॉप्टर के किराएं पर ही सरकार के करोडों रूपये खर्च हुए है.

बिच के दौर में किराएं पर खर्च हो रहे राशी का अनुमान लेते हुए सरकार द्वारा नए हेलिकॉप्टर खरीदी की हलचले तेज हुई थी. आधुनिक सुविधाओं से परिपूर्ण एच.145 हेलिकॉप्टर खरीदी की प्रक्रिया भी बिते वर्ष शुरू की गई थी. मात्र यह प्रक्रिया अब भी लंबित ही है. बताया जाता है, की किराएं तत्व पर होनेवाले पवनहंस हेलिकॉप्टर की सेवा आगामी मई 2021 तक बढाएं जाने की जानकारी है.

जिससे पुलिस विभाग को खुद के हेलिकॉप्टर के लिए और कुछ इंतजार करना पडेगा. मात्र  सरकार का आऊटसोर्स पर ही अधिक जोर होने की बात कहीं जा रही है. जिससे स्वयं के हेलिकॉप्टर का सपना कब साकार होगा, किराएं के तौर पर सरकारी तिजोरी से खर्च होनेवाली करोडों की राशी पर कब ब्रेक लगेगा, ऐसे सवाल उपस्थित हो रहे है. 

पवनहंस निभा रहा अहम भूमिका

जिले में 1980 के दशक में दक्षिणी छोर से दाखिल हुए नक्सल आंदोलन ने धिरे-धिरे उत्तर छोर तक जडे मजबूत करते हुए अपने हिंसक गतिविधियों को अंजाम देना प्रारंभ किया. नक्सलियों के हिंसाचार के बढते घटनाओं के चलते केंद्र व राज्य सरकार को भी सोच में डाल दिया था. जिसके चलते नक्सल विरोधी अभियान चलानेवाले जवानों की मदद के लिए मे. पवनहंस प्रा. लि. इस कंपनी से किराएं तत्व पर हेलिकॉप्टर लेने का निर्णय सरकार द्वारा लिया गया.

जिसके तहत वर्ष 2015 से गडचिरोली पुलिस दल में पवनहंस हेलिकॉप्टर दाखिल हुआ. विगत कुछ वर्षो में जिला पुलिस दल ने प्रभावी नक्सल विरोधी अभियान चलाते हुए नक्सलियों को बैकफुट पर धकेल दिया है. पुलिस के इस सफलताओं में पवनहंस हेलिकॉप्टर ने भी अहम भूमिका निभाई है. पवनहंस के माध्यम से ही नक्सली हमले में घायल हुए जवानों को यथाशिघ्र उपचार मिलकर उनकी जान बच पाई. वहीं अभियान चला रहे जवानों को समय पर सुविधाएं देने, जवानों को पहुचाने में भी पवनहंस कारगर साबित हुआ है. 

1 करोड 35 लाख अदा करने को मंजूरी

गडचिरोली जिला पुलिस विभाग में कार्यरत पवनहंस हेलिकॉप्टर पर सरकार द्वारा करोडों रूपये खर्च किए जा रहे है. जिसके तहत हाल ही में सरकार ने हेलिकॉप्टर के किराएं स्वरूप में जून माह की 1 करोड 35 लाख 85 हजार 60 रूपयों की राशी अदा करने करने को मान्यता दी है. इस संदर्भ का परिपत्रक 17 दिसंबर को राज्य के गृह विभाग द्वारा जारी किया गया है. पवनहंस के किराएं स्वरूप में सरकार द्वारा अबतक करोडों रूपयों की राशी खर्च की गई है. यह आंकडा 100 करोड के पार पहुचने का अनुमान है. 

एच.145 के आगमन का इंतजार कायम

जिले के पुलिस विभाग में कार्यरत पवनहंस हेलिकॉप्टर के किराएं स्वरूप में सरकार द्वारा करोडों रूपये खर्च हो रहे है. अबतक के खर्च की तुलना करे तो करीब 72 करोड रूपयों की राशी में ही आधुनिक स्वरूप का एच.145 हेलिकॉप्टर की खरीदी हो गई होती. इस बात पर बिते सरकार द्वारा विचार-विमर्श करते हुए एच.145 हेलिकॉप्टर की खरीदी की हलचले तेज हुई थी. उक्त हेलिकॉप्टर को चलाने हेतु कुछ पायलट को प्रशिक्षण भी दिए जाने की जानकारी सामने आयी थी. मात्र यह खरीदी प्रक्रिया अधर में अटकी दिखाई दे रही है.

बताया जाता है कि, सरकार ने आऊटसोर्स की निति पर ही अधिक जोर देते हुए बाहरी यंत्रणा से ही आवश्यक सेवाएं लेने का मन बना लिया है. जिसके चलते बिते वर्ष चर्चा में आया पवनहंस का किराया व नए हेलिकॉप्टर खरीदी का मुद्दा अब समय की आगोश में गुम होता दिखाई दे रहा है. बताया जा रहा है कि, सरकार ने पवनसंह हेलिकॉप्टर की सेवा को आगामी 6 माह के लिए बढाया गया है. जिससे आगामी 31 मई तक पवनहंस हेलिकॉप्टर पर ही पुलिस विभाग की उडान जारी रहनेवाली है.