ओबीसी के आरक्षण में मराठा का समावेश न करें, तेली व कुणबी समाज संघटन की मुख्यमंत्री से गुहार

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आरमोरी. ओबीसी के आरक्षण में मराठा जाति व समाज का समावेश न करें, तेली व कुणबी समाज संगठन ने तहसीलदार के जरिये राज्य के मुख्यमंत्री को भिजवाये ज्ञापन में गुहार लगाई है. 

दोनों समाज संगठन के पदाधिकारियों ने कहां कि, मराठा आरक्षण को लेकर ओबीसी में असंतोष निर्माण होकर इसे सरकार जिम्मेदार है. निजामशाही के दस्त नुसार मराठा समाज को कुणबी में परिवर्तीत कर ओबीसी कोटे से उन्हें आरक्षण देने संदर्भ में सरकार ने जो समिति गठीत की है, उसे ओबीसी बांधवों का विरोध है. महाराष्ट्र के 56 फिसदी ओबीसी समाज को वर्तमान स्थिति में केवल 27 फिसदी आरक्षण मिल रहा है. इसमें से भी 11 प्रश विशेष प्रवर्ग के लिये होकर शेष केवल 16 फिसदी आरक्षण में अन्य ओबीसी के 400 से अधिक जाति का समावेश है.

इसमें भी क्रिमिलेअर की जटिल शर्त लादकर ओबीसी पर जानबुझकर अन्याय किया जा रहा है. अब 32 फिसदी मराठा समाज को 16 फिसदी आरक्षण ओबीसी कोटे से राज्य सरकार देने पर ओबीसी को आरक्षण ही नहीं बचेगा. और इसमें भी ओबीसी में 16 फिसदी मराठा आरक्षण का समावेश करने पर ओबीसी को 0 प्रश आरक्षण देंगे क्या? ऐसा सवाल उपस्थित किया गया. मराठा समाज को ओबीसी के कोटे से आरक्षण देने पर ओबीसी समाज सडक पर उतरकर तीव्र आंदोलन करेगा. ऐसी चेतावनी दी गई.

इस समय महाराष्ट्र प्रांतिक तैलिक महासभा के आरमोरी तहसील अध्यक्ष मिलिंद खोब्रागडे, जिल्हा सचिव विजय सुपारे, तहसील सचिव विलास पारधी, राम कुर्झेकर, हरेश बावनकर, आकाश चिलबुले, विलास चिलबुले, अनिल किरमे, चरणदास चापले, अनिल किरमे, देविदास नैताम, बालकृष्ण जौंजालकर, शुभम खोडवे, अनिल नैताम, रघुनाथ मोंगरकर, संजय मोटघरे समेत राष्ट्रीय ओबीसी महासंघ के आरमोरी तहसील अध्यक्ष गोलु भोयर, कुणबी समाज संघटन के मधुकर दोनाडकर, शालिकराम पत्रे, अभिमन्यू राऊत, मनिषा दोनाडकर, विवेक खेवले, गुलाब मने, दिवाकर पोटफोडे, समेत तेली और कुणबी समाज संगठन के पदाधिकारी उपस्थित थे.