गड़चिरोली पुलिस ने 12 वर्षीय मामूस के सिर पर रखा ममता का हाथ, आंख का ऑपरेशन कर दिया जीवनदान

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    • दुर्घटना में बाहर निकली आंख का ऑपरेशन कर दिया जीवनदान
    •  3 माह बाद बालक की वापिस लौटेगी रोशनी 

    सिरोंचा. आज के दौर में भले ही लोगों का खाकी की ओर देखने का नजरियां बदल गया हो, लेकिन जिले के मौजुदा हालातों में भी खाकी अपने कर्तव्य के साथ निर्बल और दुर्बलों की सहायता करने में पिछे नहीं हट रही है. ऐसा ही एक मामला जिले के आखरी छोर पर बसी सिरोंचा तहसील के रेगुंठा पुलिस थाना अंतर्गत आनेवाले नक्सल प्रभावित चिकेला गांव में सामने आया है.

    जहां दुर्घटना में कल्याण तिरूपति दुर्गम नामक 12 वर्षीय बालक की आंख बाहर निकल आयी. और उसे एक आंख से दिखाई नहीं दे रहा था. ऐसे में उसके परिवार की वित्तीय स्थिति काफी विकट होने के कारण उसके परिवार ने कल्याण की रोशनी दोबारा आने की उम्मीद ही छोड़ दी थी. लेकिन रेगुंठा पुलिस थाने में तैनात पुलिस अधिकारियों ने कल्याण साथ हुए हादसे की जानकारी मिलने ही उसके सिर पर ममता का हाथ रखा. और कल्याण के आंखों का ऑपरेशन करवाया.

    विशेषत: तीन माह बाद पुन: कल्याण को वर्धा में भेजकर उसके आंखों की रोशनी दोबारा वापिस लाई जाएगी. इस कार्य के लिये पुलिस उपमहानिरीक्षक संदिप पाटिल, जिला पुलिस अधिक्षक अंकित गोयल, अपर पुलिस अधिक्षक समीर शेख, अपर पुलिस अधिक्षक सोमय मुंडे, अपर पुलिस अधिक्षक अनुज तारे, सिरोंचा के उपविभागीय पुलिस अधिकारी  सुहास शिंदे और रेगुंठा के थाना प्रभारी विजय सानप ने विशेष योगदान दिया.

    अभियान पर थे जवान, तब पड़ी बालक पर नजर 

    चिकेला यह गांव पुरी तरह आदिवासी बहुल, नक्सल प्रभावित और अतिदुर्गम क्षेत्र में बसा है. रेगुंठा पुलिस थाने के प्रभारी अधिकारी विजय सानप व उनकी टीम चिकेला गांव परिसर में पेट्रोलिंग कर रही थी. इसी बीच ग्रामीणों की समस्या जानने पुलिस जवानों ने गांव में सभा ली. सभा के दौरान पुलिस अधिकारी सानप की नजर कल्याण पर पड़ी.

    तब उन्होंने उसके परिजनों से कल्याण के साथ हुए हादसे की जानकारी ली. और पुलिस विभाग द्वारा कल्याण को सहायता करने का आश्वासन दिया. जिसके बाद सानप ने अपने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को इस मामले की जानकारी देकर कल्याण को ऑपरेशन के लिये सावंगी के अस्पताल में भेज दिया गया था.

    दादालोरा खिड़की योजना बनी कल्याण के लिये वरदान

    कल्याण के आंखों का ऑपेशन करने के लिये करीब 4 लाख रूपयों की आवश्यकता थी. लेकिन उसके परिजनों की वित्तीय स्थिति विकट होने के कारण लाखों रूपये जमा कर पाना उनके लिये असंभव हो गया था. लेकिन जिला पुलिस दल ने दादालोरा योजना के तहत पुलिस विभाग के नागरी कृति शाखा, रोटरी क्लब और आचार्य विनोबा भावे ग्रामीण अस्पताल सावंगी के संयुक्त तत्वावधान में दत्ता मेघे अस्पताल सावंगी में कल्याण की आंखों का ऑपरेशन किया गया. विशेषत: कल्याण की आंख बाहर निकल आने के साथ ही उसे कैन्सर के भी लक्षण थे. लेकिन दोनों का ऑपरेश कर शनिवार को कल्याण को उसके गांव वापिस भेजा गया है.

    बालक की रोशनी वापिस लौटने का है समाधान: विजय सानप 

    रेगुंठा पुलिस थाने के प्रभारी अधिकारी विजय सानप ने बताया कि, जब मैंने कल्याण के ऑपरेशन संदर्भ में   वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को  जानकारी दी तो, उन्होंने तत्काल ऑपरेशन करवाने का सुझाव दिया. वहीं उनके मार्गदर्शन में कल्याण को सावंगी के अस्पताल में ऑपरेशन करवाने के लिये भिजवाया गया. और वहां पर कल्याण के आंखों का सफलतापूर्ण होकर कल्याण अपने गांव वापिस लौटा है..

    अब तक रेगुंठा पुलिस द्वारा 59 लोगों के आंखों का ऑपरेशन करवाया है. वहीं क्षेत्र के आदिवासी नागरिकों तक सरकारी योजनाएं पहुंचाकर उनका जीवनस्तर  सुधारने का प्रयास किया जा रहा है. जिससे क्षेत्र के लोगों का विश्वास पुलिस विभाग पर बढ़ गया है.