बाढ़ से खेतों में जमा हुई रेत, अब खेती कैसे करें; सिरोंचा तहसील के किसानों का सवाल

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    सिरोंचा. जुलाई माह में हुई अतिवृष्टि व मेडीगट्टा प्रकल्प का पानी छोड़े जाने के कारण सिरोंचा तहसील में बाढ़ की स्थिति निर्माण हो गयी थी. वर्तमान स्थिति में बाढ़ की स्थिति सामान्य हो गयी है. वहीं प्रशासन द्वारा पंचनामा करने की प्रक्रिया शुरू की गई है. लेकिन बाढ़ के चलते तहसील में 6 हजार 900 हेक्टेयर खेती पुरी तरह उध्वस्त हो गयी है.

    वहीं नदी तट की करीब 700 हेक्टेयर खेती में रेत तथा मलबा जमा होने के कारण आगामी काफी वर्ष इन खेतों में  किसान फसलों का उत्पादन नहीं ले पाएंगे.जिससे किसानों का भारी नुकसान हुआ है. वहीं प्रशासन द्वारा पंचनामा की प्रक्रिया तेजी से शुरू किए जाने से सरकार से मिलनेवाले मुआवजे की ओर किसानों के नजरे टिके हुए है. 

    कपास, धान फसल का 900 फिसदी नुकसान

    सिरोंचा तहसील के किसान धान इस मुख्य फसल समेत कपास का भी उत्पादन लेते है. जिससे इस क्षेत्र में धान और कपास का सर्वाधिक उत्पादन लिया जाता है. लेकिन बाढ़ में करीब 6900 हेक्टेयर जमीन पानी के निचे गयी. और करीब 70 हेक्टेयर क्षेत्र बाढ़ में बह गया. जिसके कारण करीब 90 फिसदी फसलों का नुकसान हुआ है. जिसका खामियाजा सिरोंचा तहसील के किसान पुरी तरह संकट में पड़ गये है. 

    नुकसान की रिपोर्ट वरिष्ठस्तर पर भिजवायी: तहसीलदार शिकतोड़े

    सिरोंचा के तहसीलदार जितेंद्र शिकतोड़े ने कहां कि,प्रशासकीय यंत्रणा द्वारा तहसील के बाढ़बाधित क्षेत्र का पंचानामा किया गया. तहसील में कुल 6900 हेक्टेयर खेत जमीन बाधित होकर इसमें 700 हेक्टेयर खेत में रेत तथा मलबा जमा है. तहसील में धान व कपास फसल का भारी नुकसान हुआ है. नुकसान का रिपोर्ट जिलाधिश कार्यालय में पेश किया गया है. वरिष्ठों के आदेश नुसार नुकसानग्रस्तों को मुआवजा दिया जाएगा. ऐसी बात उन्होंने कही.