Vanchit made a hue and cry movement on nap, submitted memorandum to the chief officer in charge

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    गड़चिरोली. गत माह में गड़चिरोली नगर परिषद विभिन्न टैक्स में वृध्द कर शहर के नागरिकों को टैक्स नोटिस भिजवायी है. विशेषत: अतिरिक्त टैक्स भरने संदर्भ में शहरवासियों को सूचना भी दी गई है. इस अतिरिक्त टैक्स से शहर के आम नागरिकों पर अन्याय हुआ है. वहीं अतिरिक्त टैक्स भर पाना आम नागरिकों को संभव नहीं है. जिससे अन्यायकारक टैक्स खारिज कर शहर के नागरिकों को राहत देने की मांग को लेकर सोमवार को शहर के चामोर्शी मार्ग से नगर परिषद तक मोर्चा निकालकर वंचित बहुजन आघाड़ी के पदाधिकारियों ने हल्लाबोल आंदोलन किया.

    वहीं नगर परिषद में मोर्चो पहुंचने के बाद प्रभारी मुख्याधिकारी निकालजे को अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपकर तत्काल अतिरिक्त खारिज करें, ऐसी मांग पदाधिकारियों ने की. इस समय वंचित बहुजन आघाड़ी के जिलाध्यक्ष बालु टेंभुर्णे, जी. के. बारसिंगे, योगेंद्र बांगरे, बाशिद शेख, माला भजगवली, दिलीप बांबोले, प्रज्ञा निमगड़े, तुलशीराम हजारे समेत शहर के नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित थे.

    भाजपा, कांग्रेस पर लगाया टैक्स बढ़ाने का आरोप

    वंचित के पदाधिकारियों ने कहां कि, टैक्स में वृध्दि करना यह भाजपा व कांग्रेस का कियाधरा होकर जिसका खामियाजा शहर के नागरिकों को भुगतना पड़ रहा है. जब गड़चिरोली नप पर भाजपा की सत्ता थी और कांग्रेस विपक्ष में था, तब मिलीभगत कर 13 जनवरी 2020 को अतिरिक्त टैक्स का प्रस्ताव पारित किया गया. टैक्स बढऩे को भाजपा और कांग्रेस ही जिम्मेदार है. ऐसा आरोप पदाधिकारियों लगाया है. इसके अलावा गड़चिरोली नगर परिषद ब दर्जे की होकर इस तरह टैक्स वृध्दि नप के अधिकार में नहीं है. ऐसी बात भी पदाधिकारियों ने कही है.

    तीव्र आंदोलन करने की दी चेतावनी 

    गड़चिरोली शहर में किसी भी तरह का उद्योग नहीं है. अनेक लोग मजदूरी कर अपना जीवनयापन करते है. लेकिन नगर परिषद ने टैक्स वृध्दि कर लोगों को नोटिस भिजवाकर टैक्स भरने की सूचना दी है. विशेषत: दो से तीन गुणा बढ़े टैक्स के कारण आम नागरिकों को इतनी पड़ी रकम भर पाना संभव नहीं है. जिससे नगर परिषद प्रशासन तत्काल अतिरिक्त टैक्स खारिज करें, अन्यथा तीव्र आंदोलन किया जाएगा. ऐसी चेतावनी भी आंदोलनकर्ताओं ने दी है.