1700 लाभार्थियों को निधि की प्रतिक्षा, निधि के अभाव में सिंचाई कुओं के निर्माणकार्य प्रलंबित

    Loading

    कुरखेडा. किसानों को सिंचाई की सुविधा निर्माणहो, इसके लिए सरकार ने सिंचाई कुओं की योजना चलाई. इस योजना अंतग्रत वर्ष 2019-20 में कुरखेड़ा तहसील समेत जिले में कुल 1700 किसान लाभार्थियों को सिंचाई कुएं मंजूर किए गए. किंतू अनेक माह का कालावधि बितने के बावजूद इस योजना का निधि नहीं मिलने से अनेक किसानों पर वित्तीय संकटों का पहाड़ टुटा है. 

    नागपुर विभाग के गड़चिरोली, भंडारा, गोंदिया व नागपुर जिले के भूगर्भ में अधिक जलस्तर उपलब्ध होने के बावजूद भी कुओं की संख्या कम है. इन जिलों में सिंचाई की सुविधा कम होने की बात सरकार के ध्यान में आने से उपलब्ध जलस्तर ध्यान में लेते हुए सिंचाई कुओं का कार्यक्रम शुरू किया गया. जिसके तहत कुरखेड़ा तहसील के वड़ेगांव, चिचेवाड़ा, तलेगांव, भटेगांव, खेड़ेगांव, धमदीटोला, देऊलगांव, गोठणगांव, पलसगड़, जांभुलखेड़ा आदि गांवों के साथ तहसील के 151 लाभार्थियों को कुए मंजूर किए गए.

    जिसमें से केवल 38 कुओं का कार्य पूर्ण हुआ है. करीबन 113 कुओं के कार्य शुरू होकर निर्माणधिन अवस्था में है. कुछ कुओं का निर्माणकार्य ही निधि के अभाव में शुरू नहीं किए जाने की जानकारी है. ऐसी ही स्थिती कुरखेड़ा तहसील समेत समुचे जिले में दिखाई दे रही है. इस योजना अंतर्गत कुछ लाभार्थियों को आधा अनुदान दिया गया है. वहीं अनेक किसानों को अबतक निधि नहीं मिला है. जिससे अनेक किसानों ने कुओं का कार्य ही प्रारंभ नहीं किया है. 

    जिले में लाभार्थियों की संख्या 

    सरकार ने सिंचाई कुआ योजना अंतर्गत गड़चिरोली जिले के 12 तहसील में कुल 1700 सिंचाई कुएं मंजूर किए. किंतू अनेक माह का कालावधि बितने के बावजूद निधि नहीं मिलने से किसान संकटों से घिरा है. इसमें कुरखेडा तहसील के 151, आरमोरी 197, गड़चिरोली 195, धानोरा 121, कोरची 80, चामोर्शी 306, मुलचेरा 58, अहेरी 129, एटापल्ली 94, भामरागड़ 48 व सिरोचा तहसील के 192 लाभार्थियों का समावेश है. 

    उधार, उसने पैसे लेकर किया निर्माण 

    सिंचाई कुआ योजना अंतर्गत जिले में 1700 सिंचाई कुएं मंजूर किए गए. जिसमें से कुछ लाभार्थी किसानों ने खेती को सिंचाई की सुविधा हो, इसलिए उधार, उसने पैसे लेकर तथा कर्ज लेकर कुओं का निर्माण पूर्ण किया. अनुदान मिलने के बाद लिया गया कर्ज वापिस करने की मंशा लाभार्थी किसानों ने रखी थी. किंतू अबतक किसानों को अनुदान नहीं मिला है. जिसेस लाभार्थी किसानों पर वित्तीय संकटों का पहाड़ टुटा है. जिस किसानों की वित्तीय स्थिती नाजूक है, ऐसे किसानों ने तो निधि के अभाव में कुओं का निर्माण ही प्रारंभ नहीं किया. अनेक किसानों को अनुदान की राशी नहीं मिलने निर्माणकार्य आधाअधुरा छोड़ रखा है. 

    प्रलंबित अनुदान तत्काल दे -फाये

    सिंचाई कुओं का अनुदान देने में विलंब होने से लाभार्थी चिंताओं में डूबे है. किसान निधि के लिए सिंचाई कार्यालय के चक्कर काट रहे है. इस संदर्भ में निरंतर प्रयास करने के बावजूद भी उक्त समस्या की ओर सरकार, प्रशासन की अनदेखी हो रही है. लाभार्थियों को पैसे देने में विलंब हो रहा है. किसानों के सिंचाई कुएं के प्रलंबित अनुदान तत्काल दे, ऐसी मांग भाजयुमो के जिलाध्यक्ष तथा पूर्व पंस सदस्य चांगदेव फाये ने की है.