राष्ट्रीय लोक अदालत में 2071 प्रकरणों का निपटारा, करोड़ों की वसूली

    Loading

    गोंदिया. न्यायालय में वर्षो से प्रलंबित मामलों का समन्वय व सामंजस्य से तत्काल निवारण करने के लिए आयोजित राष्ट्रीय लोक  अदालत में 2071 प्रकरणों का निपटारा किया गया. जिला अपर व सत्र न्यायालय के प्रमुख न्यायधीश व जिला विधि सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष वी.पी.पाटकर, सचिव व न्यायधीश एस.वी.पिंपडे के मार्गदर्शन में जिला विधि सेवा प्राधिकरण, जिला न्यायालय गोंदिया में तथा जिले की सभी तहसील विधि सेवा समितियों के माध्यम से न्यायालयों में समस्त प्रकरणों के समन्वय के लिए योग्य व न्याय प्रविष्ठ व पूर्व न्याय प्रविष्ठ प्रकरणों के लिए तथा विद्युत व बैंक के जनोपयोगी प्रकरणों के लिए राष्ट्रीय लोक अदालतों का आयोजन किया गया.

    इसका उद‍्घाटन पक्षकार के हस्ते दीप प्रज्वलित कर किया गया. न्यायधीश पाटकर ने लोक अदालत के लाभ व महत्व पर मार्गदर्शन किया. जिले की कुल न्यायालयों में प्रलंबित दिवाणी 220 प्रकरणों में से 20 प्रकरणों का निर्णय दिया गया. इसमें 1 करोड़ 6 लाख 91 हजार 439 रु. के वसूली के प्रकरण हल किए गए. न्यायालय में प्रलंबित 1940 फौजदारी प्रकरणों में से 336 प्रकरणों का निपटारा किया गया. जिसमें 2 करोड़ 35 लाख 95 हजार 967 रु. की वसूली की गई.

    इसी तरह लोक अदालत में रखे गए पूर्व न्याय प्रविष्ठ 14425 प्रकरणों में से 1715 प्रकरणों का निपटारा किया गया. जिसमें 1 करोड़ 20 लाख 80 हजार 710 रु. की वसूली हुई. इस तरह कुल रखे प्रकरणों में से 2071 प्रकरणों का निवारण कर दिया गया है. जिसमें 4 करोड़ 63 लाख 68 हजार 166 रु. की रिकार्ड वसूली हुई है.

    इसी तरह स्पेशल ड्राईव अंतर्गत जिले के न्यायालयों में कुल 411 फौजदारी प्रकरण रखे गए थे. जिसमें से 329 प्रकरणों पर निर्णय दिया गया. जिससे पक्षकार व अन्य लोगों को होने वाली मानसिक व आर्थिक परेशानी से छुटकारा मिल गया. इस पर अनेक पक्षकारों ने संतोष व्यक्त किया. इस लोक अदालत की विशेष बात यह रही की विद्युत, पानी, टेलिफोन, बैंक, रिकवरी के पूर्व न्याय प्रविष्ठ प्रकरणों में जिन पक्षकारों ने समन्वय अनुसार बकाया की पूर्ण रकम संबंधित विभागों में जमा की है उनके प्रकरण पुरी तरह बंद किए गए हैं. जिससे भविष्य में होने वाली न्यायालयीन खर्च व मानसिक परेशानी से पक्षकार बच गए.

    इस प्रकरण को हल करने के लिए गोंदिया में जिला न्यायधीश आदिल खान, जिला न्यायधीश एन.डी.खोसे, अतिरिक्त जिला न्यायधीश एन.बी.लवटे, आर.एस.कानडे, ए.वी. कुलकर्णी, मुख्य न्याय दंडाधिकारी वाय.आर.मुवकणवार, कामगार न्यायधीश एस.आर.मोकाशी, वी.ए.अवघडे, पी.एन.ढाणे, एम.बी.कुडते, वाय.जे.तांबोली व न्यायधीश एस.डी.वाघमारे, जिला बार एसो. के अध्यक्ष सी.के.बढ़े, सचिव एस.आर. व अन्य पदाधिकारी तथा पॅनल पर एड.आर.एन.आगाशे, एड.ए.जी.येडे, एड.अलका उके, एड.वी.आर.रहांगडाले, एड.मंगला बंसोड, एड.आर.आर.कटरे, एड.डी.एल.वालके, एड. डी.आर.मिश्रा, आर.एस.शर्मा, एस.एस.डोये ने सहयोग किया. सफलतार्थ प्रबंधक आर.जी.बोरीकर, अधीक्षक पी.पी.पांडे, सहायक अधीक्षक एम.पी.पटले, प्राधिकरण के आर.ठाकरे, वरिष्ठ लिपिक ए.एम.गजापुरे आदि ने प्रयास किया.