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    गोंदिया. जिले की सालेकसा तहसील में धान खरीदी के घोटाले के बाद कार्रवाई का सिलसिला शुरू है. इसी बीच फर्जी धान बिक्री करने वाले व्यापारी पुन: सक्रिय हो गए है. जिस खेती पर सही खेती का मालिक फसल लेता है उसे अलग कर सात बारा पर परिवार के अन्य नामों के पंजीयन वाले फर्जी किसानों के नाम सात बारा ऑनलाइन निकालने का काम धडल्ले से शुरू दिखाई दे रहा है. इसी तरह का एक मामला कुनबीटोला में सामने आया है.

    इस ग्राम के किसान भीमराव राजाराम भौतिक के गट क्रमांक 238 की 0.6500 हेक्टेयर आर गट क्र. 209 की 0.7400 हेक्टेयर आर खेती है. इस जमीन पर हर वर्ष खरीफ मौसम में धान फसल का उत्पादन लेता है  लेकिन पिछले 3 वर्ष से वह अपना धान बिक्री करने के लिए सात बारा ऑनलाइन किया जा रहा है. उस खेती पर गिरोला ग्राम में रहने वाली बहन सुलोचना अनिल गजभिये के नाम सात बारा में पंजीयन करने का काम उस ग्राम के व्यापारी ने किया.

    इसमें आश्चर्य का विषय यह है कि यह खेती बारिश पर निर्भर है जहां केवल खरीफ मौसम में धान की बुआई की जाती है. जबकि पिछले 2 वर्षों से उस खेती पर रबी धान फसल का उत्पादन दिखाकर धान की बिक्री की गई. इस किसान की बहन का विवाह हुए 30 वर्ष हो गए. उसने अपनी बहन को खेती का हिस्सा भी दे दिया. इसके बावजूद गांव के व्यापारी फर्जी धान बिक्री करने के लिए उसके नाम से भाई की मालकी जमीन पर हर वर्ष सात बारा ऑनलाइन करा रहा है.

    इसमें धान बिक्री कर बोनस की रकम मिलने के बाद थोडी राशि देकर उसे खुश कर दिया जाता है. इसमें व्यापारी की कारगुजारी व षडयंत्र से जमीन का सही खेती मालिक शासकीय आधारभूत धान खरीदी केंद्र पर धान बिक्री से वंचित रहता है. इस संदर्भ में पिछले वर्ष शिकायत की गई थी  लेकिन  कोई कार्रवाई नहीं की है. इतना ही नही जिला मार्केटिंग फेडरेशन कार्यालय में कुछ किसान पहुंचे थे.

    जिसमें अधिकारियों ने जिनके नाम के सात बारा ऑनलाइन किया है उनके साथ बात करें, यह कहकर उन्हें  लौटा दिया. लेकिन मार्केटिंग फेडरेशन ने इस तरह की शिकायत पर फर्जी सात बारा ऑनलाइन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने का साहस नही दिखाया है. इसका खामियाजा किसानों को उठाना पड़ रहा है. 

    0 हरिंद्र मेठी

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