Praful Patel

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    गोंदिया. पूर्व केंद्रीय मंत्री व  सांसद प्रफुल पटेल ने एक चर्चा के माध्यम से विभिन्न मुद्दों पर चर्चा कर सवालों के जवाब  दिए. पटेल ने सर्वप्रथम एक बार फिर जिले के और विदर्भ के धान उत्पादक किसानों की चिंता व्यक्त की, और उन्होंने कहा कि भाजपा शिंदे सरकार में क्षेत्र के धान उत्पादक किसान 2021-22 के बोनस से वंचित कर दिए गए हैं. महाविकास आघाड़ी सरकार में हमने कोरोना के भीषण संकट का सामना किया, लेकिन तब भी किसानों को बोनस से वंचित नहीं रखा गया.

    हमारी सरकार ने किसानों को 700 रु. बोनस दिया  और राज्य सरकार के कोष से 600 करोड़ रु. किसानों को दिए गए.  बोनस की राज्य में शुरुआत हमने की थी, और सबसे पहले अपने कृषि प्रधान देश में किसान खुशहाल रहें, इसके लिए सिंचाई परियोजनाओं को बढ़ावा दिया तथा विभिन्न योजनाओं के माध्यम से किसानों को बिजली कनेक्शन, किसानों को खेतों में कुंआ निर्माण के लिए राशि सहित अनेक सौगातें दी, लेकिन भाजपा सरकार में किसानों के साथ पहले भी धोखा किया गया, और आज भी वही किया जा रहा है. 

    गोंदिया व भंडारा का विकास मेरी प्राथमिकता..

     पटेल ने गोंदिया व भंडारा जिले के संदर्भ में भी अनेक सवालों के जवाब दिए, उन्होंने कहा कि जब जब हमें अवसर मिला, हमने अपने क्षेत्र के विकास के लिए हर मुमकिन प्रयास किए, उन्होंने  मेडिकल कॉलेज, ओवरब्रीज, नाट्य सभागृह, अंडरग्राऊंड ड्रेनेज सिस्टम आदि सभी विषयों पर अपनी बात रखते हुए  कहा कि यह सभी कार्य हमने स्वीकृत कराए  और आगे बढ़ाने का काम किया, लेकिन जैसे ही सरकार बदली, फिर सभी कामों में व्यवधान उत्पन्न हो रहा है.

    नाट्यगृह के संदर्भ में कहा कि नाट्यगृह जिस काम के लिए बना है, उसका वही उपयोग होना चाहिए, नाट्यगृह में बनाई गई दुकानों का हमारा पहले भी विरोध था और आज भी विरोध है.  पटेल ने वीर सावरकर पर कांग्रेस की टिप्पणी के संदर्भ में कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन में किए गए सभी प्रयास हुए, जिसके कारण हम आज स्वतंत्र भारत में रह रहे हैं, निश्चित रुप से किसी भी योगदान को नकारा नहीं जा सकता, हम वीर सावरकर सहित सभी का सम्मान करते हैं, और सभी शहीदों, कुर्बानियों का वंदन करते हैं.

    सत्ता के बाहर जब कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस होती है तो आंदोलनों की वैसी वर्षा नजर नहीं आती, जैसी भाजपा करती रही है, यह प्रश्न पूछे जाने पर  पटेल ने कहा कि भड़काऊ भाषण, गुमराह करने की राजनीति, तोड़ फोड़ और उग्र आंदोलन करना हमारी फितरत नहीं है. केन्द्र और राज्य सरकार के समक्ष मांगों को रखने के जो उचित तरीके हैं, जिससे कि आम जनता या सरकारी संपत्ति को नुकसान ना पहुंचे, एैसे आंदोलन करना ही राष्ट्रवादी कांग्रेस की नीतियों में शामिल है.