जी महासेल में भीषण अग्निकांड; 9 फायर ब्रिगेड वाहनों ने 5 घंटे के बाद की आग नियंत्रित

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    गोंदिया. श्री टाकीज मार्ग पर बजरंग दल के कार्यालय के सामने स्थित ए टू जेड महासेल दूकान में आग लग गई. जिससे दूकान का सभी सामान जलकर खाक हो गया है. यह घटना 18 मार्च की शाम 5.30 बजे घटी. शहर पुलिस स्टेशन के थानेदार महेश बंसोड़े ने 5.35 बजे फायर ब्रिगेड विभाग को सूचना दी. जिससे तत्काल नप के फायर ब्रिगेड विभाग के जवान घटना स्थल पर पहुंच गए. आग की बढ़ती तेजी व देर तक उसके नियंत्रित न हो पाने को लेकर हड़कंप सा मच गया था. एक एक कर 5 फायर ब्रिगेड वाहन वहां पहुंचे.  

     आग की भीषणता को ध्यान में रखकर आमगांव, गोरेगांव, अदानी विद्युत प्रकल्प व बालाघाट के फायर ब्रिगेड वाहन भी  बुलाए गए और घंटों तक   भारी जद्दोजहद के बाद उस पर नियंत्रण पाया गया.  जिस दूकान में जहां आग लगी  उसकी उंचाई 30 फीट थी. जिससे आग बुझाने में दिक्कत हो रही थी. इसी बीच फायर बिग्रेड कर्मचारियों ने सामने से मार्डरेटर कवर किया फिर होस पाईप से फायर शुरू किया. इतना ही नहीं दूकान का टीन काटकर बड़ा छेद किया गया जिससे कर्मचारियों ने अंदर घुसकर आग बुझाई.

    इसे बुझाने में  5 घंटे लगे. तब कहीं जाकर रात्री 10.30 बजे आग को पूर्णत: नियंत्रित किया जा सका. इस समय हलवाई होटल एसो. से जैन मंदिर तक मार्ग को पूर्णत: बंद कर दिया गया. इस परिसर में केवल फायर ब्रिगेड वाहन व कर्मचारियों का आना जाना शुरू था. इस आग को यदि समय पर काबु में नहीं किया गया होता तो आग कामाक्षी बियर बार सहित अन्य इमारतों को अपने जद में ले सकती थी. इस आग लगने की घटना से संपूर्ण परिसर में दहशत का माहौल व्याप्त हो गया था.

    25 ट्रीप लगा पानी

    इस आग को काबु करने के लिए फायर ब्रिगेड कर्मचारियों को भारी मशक्कत करनी पड़ी है. इसमें कुल 25 फायर ब्रिगेड गाड़ियों का पानी लगा. इसमें गोंदिया फायर ब्रिगेड की प्रथम गाड़ी ने 5 व शेष 4 फायर गाड़ियों ने क्रमश: 4 ट्रिप का उपयोग किया. इसी तरह आमगांव, गोरेगांव, बालाघाट व अदानी कंपनी की फायर ब्रिगेड गाड़ी ने क्रमश: 1 ट्रीप पानी का उपयोग किया है.

    4 कर्मचारी बाल बाल बचे

    इस आग में महासेल में कार्यरत 4 कर्मचारी बाल बाल बच गए है. जिस समय दूकान में आग लगी उस समय कर्मचारी बाजू के एक कमरे में ही थे. जबकि धूलीवंदन होने से सेल बंद थी  लेकिन अचानक दूकान से धूआं व आग की लपटें देखकर चारों कर्मचारी सतर्क हो गए व दूकान से नीचे उतरने में कामयाब हो गए.

    पूर्व में भी लगी थी आग

    इसके पूर्व गोरेलाल चौक स्थित बिंदल कांप्लेक्श में स्थित इसी तरह जी महासेल दूकान में भयंकर आगजनी की घटना 6 वर्ष पूर्व घटी थी. जिसमें 5 लोगों की जलने से मृत्यु हो गई थी. इसके बाद महासेल की दूकान श्री टॉकीज मार्ग पर बजरंग कार्यालय के सामने शुरू की गई. जहां विद्युत शार्ट सर्किट से आग लग गई. इस आग में लगभग 60 लाख रु. का नुकसान होने की संभावना व्यक्त की गई है. 

    जी महासेल में ही क्यों होता है अग्निकांड

    आखिर बार-बार जी महासेल की  दूकान में ही आग क्यों लग रही है ? इसे लेकर लोग तरह तरह की चर्चाएं कर रहे हैं. यह कहीं इंश्योरेंस का खेल तो नहीं है जिसमें बीमा कंपनी व दूकानदार की मिलीभगत से आगजनी की घटना को अंजाम दिया जा रहा है. इस आगजनी की घटना की सूचना मिलते ही जिला पुलिस अधीक्षक विश्व पानसरे, शहर पुलिस स्टेशन के पुलिस निरीक्षक महेश  बंसोड़े व पूर्व विधायक राजेंद्र जैन सहित अन्य जनप्रतिनिधियों ने घटना स्थल पर पहुंचकर हालातों का मुआयना किया.

    इन कर्मचारियों ने निभाई महत्वपूर्ण भूमिका

    इस आग को नियंत्रित करने में फायर ब्रिगेड विभाग के 35 कर्मचारियों ने बड़ी ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. इतना ही नहीं सतत मोबाइल से संपर्क कर कर्मचारियों को तत्काल बुला लिया गया. इसमें प्रभारी फायर अधिकारी लोकचंद भांडारकर, शहर इंचार्ज जाकीर बेग, चालक कावले, गौर, कांबले, बिलोने, बिजेवार, ठाकरे, फायरमेन सय्यद, यादव, राहुल मेश्राम, अंश चौरसिया, खान, तेलासे, नागपुरे, माने, आरिफ यादव, अविनाश यादव, पवन वाढई, फुंडे, कमल राखडे, शेख, देवाधारी, शेंडे, भरने, सुनील मानकर, शहारे, ठाकरे, मनीष रहांगडाले, सोनवाने, विजय नागपुरे, सुमीत बिसेन, राजु कालसर्पे, अंबादे, राहुल गौतम व दास आदि का समावेश है. जानकारी के अनुसार  घटना के संदर्भ में दूसरे दिन भी शहर पुलिस स्टेशन में कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है.