State Police Joint Action is getting success in ending Naxalism: Deputy Inspector General of Police Sandeep Patil

Loading

  • गोंदिया में जिला कारागृह बनाने प्रयास जारी.. 
  • अपराध नियंत्रण से लेकर सामाजिक सेवाओं तक में पुलिस की भूमिकाओं में बढ़ोत्तरी

गोंदिया. जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय में गड़चिरोली परिक्षेत्र, कैंप नागपुर के पुलिस उपमहानिरीक्षक संदीप पाटील ने पुलिस अधीक्षक निखील पिंगले व अपर पुलिस अधीक्षक अशोक बनकर की उपस्थिति में आयोजित एक चर्चा में पुलिस के कार्य, प्रयासों के संदर्भ में कार्यों की समीक्षा की.

गोंदिया में बनेगा जिला कारागृह, भंडारा जाने से मिलेगी मुक्ति 

गोंदिया जिले को बने 24 वर्ष हो गए लेकिन अब तक यहां जिला कारागृह नहीं बन पाया. जिले को अनेक बार पालक मंत्री के रूप में राज्य के गृह मंत्री मिले लेकिन यह मामला ठंडे बस्ते में ही रहा. आरोपियों को सजा होने पर उन्हें भंडारा के जिला कारागृह भेजा जाता है व सुनवाई के लिया लाना ले जाने की प्रक्रिया पुलिस के लिए काफी जटिल रहती है. अब प्रशासन इसे लेकर सकारात्मक भूमिका में आ गया है और कारंजा स्थित पुलिस मुख्यालय के पीछे जिला कारागृह बनाने को लेकर प्रक्रिया प्रारंभ की जा चुकी है. 

इस संदर्भ में पुलिस उपमहानिरीक्षक संदीप पाटील ने बताया की भंडारा के कारागृह अधीक्षक इसकी प्रक्रिया संचालित कर रहे है और जमीन अधिग्रहण का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है और जल्द ही कार्य शुरू किया जाएगा. पुलिस अधीक्षक पिंगले ने बताया कि जिले में नक्सलवाद के प्रभाव को कम करने और उसे खत्म करने के लिये हर मुमकिन सकारात्मक प्रयास किए जा रहे हैं, जिसका परिणाम है कि निरंतर नक्सली वारदातों को रोकने में पुलिस को सफलताएं प्राप्त हो रही है.

हाईपर सेंसटीव एरिया में पुलिस के जवान हमेशा मुस्तैद रहते हैं, वहीं जिले में लगभग 40 नक्सल प्रभावित ग्रामों को चिन्हित कर मध्यप्रदेश व छत्तीसगड़ राज्य की पुलिस के साथ मिलकर ज्वाईंट एक्शन कार्यवाही भी की जा रही है, जिससे निरंतर हम नक्सली गतिविधियों को रोकने में सफल हुए हैं, वहीं नक्सलग्रस्त इलाकों में ग्रामीणों के बीच सामाजिक सेवाओं के कार्यों से नागरिकों का पुलिस के प्रति विश्वास बढ़ा है.

मिशन शिखर के तहत आदिवासी बच्चों को दिया गया भर्ती पूर्व प्रशिक्षण..

अपर पुलिस अधीक्षक अशोक बनकर ने जानकारी देते हुए बताया कि विगत दिनों गोंदिया जिला पुलिस द्वारा लगभग 40 युवाओं को मिशन शिखर के तहत आदिवासी बच्चों को पुलिस भर्ती के लिए प्रशिक्षण दिया गया, नियमित ड्रील, योगाभ्यास, दौड़ के साथ ही आवश्यक शैक्षणिक प्रशिक्षण भी दिया गया, जिसमें 40 बच्चों में से 17 ने पुलिस भर्ती में क्वालिफाईड भी किया है. जिले में पुलिस निरंतर अपराधों के नियंत्रण के साथ सामाजिक व आवश्यक सेवाओं में भी अपनी भूमिका निभा रही है. चर्चा के दौरान जिला पुलिस अधीक्षक पिंगले, अप्पर पुलिस अधीक्षक अशोक बनकर उपस्थित थे.