गोंदिया. प्रमुख विदर्भवादी नेता छैलबिहारी अग्रवाल ने केंद्र सरकार के महाराष्ट्र से अलग विदर्भ बनाए जाने को लेकर दिए गए बयान की कडी आलोचना करते हुए कहा कि ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है यह सरासर गलत बयान बाजी व विदर्भ की जनता की भावनाओं को आहत करने वाला विषय है.
अग्रवाल ने कहा कि यहां की जनता अनेक वर्षों से विदर्भ राज्य बनने का इंतजार कर रही है लेकिन विदर्भ राज्य सिर्फ इसलिए नहीं बन पा रहा क्योंकि विदर्भ के नेता ही धोखेबाजी कर रहे हैं. पूरे महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा पिछडा हुआ विदर्भ को माना जाता है इसके पिछडेपन को दूर करने के लिए राज्य सरकार ने इसकी जरूरत के अनुरुप विकास का प्रारुप ही कभी तैयार नहीं किया.
सैंकडो मांगे विदर्भ की लंबित है, यहां का किसान सबसे ज्यादा दुखी है, रोजगार के साधनों से यह वंचित है, इस बात को बडे बडे दावे से राजनीतिक दल के नेता भी भरी सभाओं में व्यक्त करते हैं. लेकिन तब जब वो विपक्ष में होते हैं और जब सरकार में होते है तो फिर उन्हें सबकुछ हरा हरा और अच्छा दिखाई देता है.
अग्रवाल ने केंद्र व राज्य सरकार और सभी दलों के नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए तथा विदर्भ के दो नेताओं पर सीधा सवाल भी दागते हुए कहा कि पूर्व विधानसभा अध्यक्ष, पूर्व सांसद व प्रदेश कांग्रेसाध्यक्ष नाना पटोले तथा पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को इस संदर्भ में धोखेबाजी करने वाले नेता बताते हुए कहा कि विदर्भ राज्य बनाने का केंद्र सरकार का कोई ईरादा नहीं है, यह बात केंद्र सरकार के गृहमंत्री ने लोकसभा में स्पष्ट कर दिया है, जबकि विदर्भ राज्य बनाने के लिए देवेंद्र फडणवीस ने अपनी पिछली सरकार में कुछ नहीं किया और पटोले आज सरकार में हैं तो वे भी इस मुद्दे चुप्पी साधे हुए हैं.
ऐसे में सवाल यह उठता है कि विदर्भ राज्य बनाने की घोषणा और किए गए बडे बडे आंदोलन क्या सिर्फ वोट बटोरने के लिए इन नेताओं ने किए थे. विदर्भ के लाल ही विदर्भ के दलाल साबित हो रहे है, विदर्भ के सम्मान व विदर्भ के अधिकार को विदर्भ के लाल ही कुचल रहे हैं. पृथक विदर्भ के मुद्दे पर फडणवीस व पटोले का हथियार डाल देना व विदर्भ के साथ किए गए छलावे के लिए जनता कभी माफ नहीं करेगी. बेहतर होगा वे दोनों विचार करें और अब ही सही विदर्भ के लिए आगे आएं. अन्यथा उनकी राजनीतिक दुकानदारी विदर्भ की जनता खत्म कर देगी.