Maharashtra: Ajit Pawar said - people must follow covid rules and not force the government to shut down everything
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    मुंबई: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार (Ajit Pawar) ने बजट पेश (Union Budget 2022) करने के बाद  केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) पर हमला बोला है। उन्होंने कहा, वित्त मंत्री ने देश को सबसे ज्यादा टैक्स देने वाले महाराष्ट्र के साथ अन्याय करने की परंपरा को कायम रखा है। केंद्र ने चालू वित्त वर्ष में कुल 2 लाख 20 हजार करोड़ रुपये का जीएसटी संग्रह किया। इसमें से 48,000 करोड़ रुपये महाराष्ट्र से वसूल किए गए। वहीं, केंद्रीय जीएसटी के एवज में महाराष्ट्र को महज साढ़े पांच हजार करोड़ रुपये ही वापस मिले है। उन्होंने ये भी कहा है कि, बजट में महाराष्ट्र को क्या मिला यह पता लगाना नामुमकिन है। 

    उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि पिछले बजट की तरह इस साल का बजट ‘व्यर्थ’ है। हर साल 2 करोड़ नौकरी देने का वादा पूरी तरह से फेल होने के बाद, अब इस साल 60 लाख नौकरियों का एक नया झूठा  किया जा रहा है।  एलआईसी के आईपीओ की घोषणा एक लाभकारी राज्य के स्वामित्व वाली कंपनी के निजीकरण की दिशा में एक कदम है। यह दावा करना कि यह बजट अगले 25 वर्षों के विकास का ब्लू प्रिंट है। यह सब व्यर्थ है। 

    बजट उन पांच राज्यों में लोगों का दिल और दिमाग जीतने का एक असफल प्रयास है जहां चुनाव हो रहे हैं। उन्होंने कहा, रक्षा क्षेत्र को आत्मनिर्भर बनाने का ऐलान करने वाले केंद्रीय वित्त मंत्री को अब जवाब देना चाहिए कि केंद्र सरकार ने पिछले आठ सालों में इस दिशा में किया है।  उन्होंने यह भी कहा कि, ‘मेक इन इंडिया’, ‘आत्मनिर्भर भारत’ की घोषणाओं की तरह, इस साल के बजट की घोषणा भी फ़ैल हो जाएगी। 

    उपमुख्यमंत्री ने कहा कि, बजट में महंगाई कम करने और रोजगार बढ़ाने के लिए कोई बड़ी घोषणा नहीं की गई है। हालांकि, कॉर्पोरेट टैक्स 18% से घटाकर 15% किया है। हालांकि, आयकर सीमा बढ़ाने और कर की दर कम करने के संबंध में किसी भी घोषणा की अनुपस्थिति ने एक बार फिर मध्यम वर्ग के कर्मचारियों और आम करदाताओं को निराश किया है। बजट में मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम्स को कम करने की भी घोषणा की गई। हीरे के आभूषण सस्ते हुए।

    जबकि, केंद्र सरकार पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस जैसी आवश्यक वस्तुओं पर कर कम करना भूल गई। यह उनकी प्राथमिकता को दर्शाता है। गरीबों को खाद्यान्नों के साथ-साथ किसानों के उर्वरकों पर सब्सिडी कम करने का निर्णय अन्यायपूर्ण है। अजीत पवार ने यह भी कहा कि, उस बजट से गरीब, वंचित वर्ग और किसान प्रभावित होंगे।

     उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने तंज कसते हुए कहा कि,  एक बार फिर साफ हो गया है कि मौजूदा केंद्र सरकार पब्लिसिटी पर चल रही है। हमने देखा है कि केंद्र सरकार के एक कार्यक्रम के लिए पैंसठ कैमरे लगाए जा रहे हैं। इस नजरिए से केंद्रीय वित्त मंत्री का कैमरा लेंस पर कर कम करने का निर्णय उचित लगता है।