जल संकट से निपटने के लिए जिला परिषद ने 2.5 करोड़ का बजट तैयार किया

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    जलगांव : जलगांव जिले (Jalgaon District) में पिछले वर्ष भारी वर्षा हुई, इससे सभी सिंचाई परियोजनाओं (Irrigation Projects) में पर्याप्त जल संग्रहित है, वाबजूद इसके जिला प्रशासन (District Administration) ने जिला परिषद (District Council) से जल संकट की संभावित योजना तैयार की है और इस आधार पर जिला परिषद प्रशासन ने 432 गांवों (Villages) में जलसंकट (Water Crisis) को दूर करने 2 करोड़, 33 लाख रुपए खर्च करने का लक्ष्य रखा है। 

    जलगांव जिले में पिछले तीन-चार वर्षों से मानसून काल में अच्छी वर्षा हुई है। बावजूद इसके कुछ गांव ऐसे हैं, जहां पानी की कमी है। जिले में गिरणा, वाघूर, हतनूर जैसी बड़ी जल परियोजना के साथ-साथ छोटी सिंचाई परियोजनाओं में पानी का अच्छा भंडार है, जिससे यह माना जा रहा है कि आगामी फसलों के लिए जल की किल्लत महसूस नहीं होगी।  

    अभी गर्मी का मौसम शुरु होने में काफी वक्त है, इसलिए आज की सिंचाई परियोजनाओं में उपलब्ध पानी के भंडारण से गर्मी के मौसम में पानी की किल्लत नहीं होगी, ऐसा मानना गलत होगा। गर्मी के मौसम में तापमान 40 से 48 डिग्री के बीच चला जाता है, उस वक्त भूजल स्तर काफी नीचे जाता है, ऐसे में जल भंडारण होने के बावजूद गर्मी मेंजल संकट न हो, इसके लिए अभी से कदम उठाए जा रहे हैं। गर्मी के मौसम में संभावित जल संकट से बचने के लिए अभी से रणनीति बना ली गई है। पानी के संभावित किल्लत की स्थिति को देखते हुए ढाई करोड़ रुपए खर्च करने का प्लान तैयार किया गया है। 

    दूसरे चरण में 320 गांव

    जिले के 432 गांवों में संभावित जल संकट होगा, पहले चरण में 112 गांव शामिल हैं, जबकि दूसरे चरण में 320 गांवों को शामिल किया गया है। इन गांवों के लिए 2 करोड़, 33 लाख रुपए खर्च करने की योजना बनायी गई है। इन गांवों में बोरवेल बनाने, नए ड्रिलिंग कुएं बनाने, नल योजनाओं की विशेष मरम्मत, अस्थायी पूरक नल योजनाएं लेने, निजी कुओं का अधिग्रहण करने, कुओं को गहरा करने, गाद हटाने, टैंकरों से पानी की आपूर्ति करने आदि के उपाय किए गए हैं। 

    तहसील स्तर पर जल संकटग्रस्त गांवों की संख्या

    तहसील – गांव

    1. जलगांव – 7
    2. भडगांव – 17
    3. भुसावल – 8
    4. बोदवड – 12
    5. चालीसगांव – 34
    6. चोपडा – 76
    7. धरणगांव – 28
    8. एरंडोल – 15
    9. जामनेर – 75
    10. मुक्ताईनगर – 19
    11. पाचोरा – 25
    12. पारोला – 28
    13. रावेर – 8
    14. यावल – 12

    कुल – 432

    चोपड़ा, जामनेर में सबसे ज्यादा गांव

    सर्वाधिक किल्लत वाले गांवों में चोपडा तहसील के 76 गांव हैं। उसके बाद दूसरा स्थान जामनेर का है, जहां के 75 गांवों में जल किल्लत है। सबसे गांव जलसंकट वाली तहसील जलगांव है, यहां केवल सात गांव में जलसंकट है, जबकि रावेर तथा भुसावल तहसील में आठ गांवों में जलसंकट महसूस किया जा रहा है।