- अधीक्षक अभियंता सोनवणे के भ्रष्टाचार के सामने शिंदे सरकार लाचार
वाहिद काकर@नवभारत
जलगांव: मंगलवार की देर शाम जलगांव में हुई प्रेस कांफ्रेंस में एकनाथ खड़से (Eknath Khadse) ने भ्रष्टाचार (corruption) में लिप्त प्रशांत सोनवणे (Prashant Sonawane) के खिलाफ सनसनीखेज खुलासा किया है। खड़से ने बताया कि लोक निर्माण विभाग अधीक्षक अभियंता प्रशांत सोनवणे धड़ल्ले से भष्टाचार को अंजाम दे रहे हैं और शिंदे सरकार इस मामले पर लाचार नज़र आ रही है। एकनाथ खड़से ने मंत्री गिरीश महाजन (Girish Mahajan) का नाम लिए बिना निशाना साधा है कि उनके आशीर्वाद से जामनेर तहसील क्षेत्र के गोदरी में हुए आयोजन में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार लोकनिर्माण विभाग के अधीक्षक अभियंता प्रशांत सोनवणे ने किया है।
भ्रष्टाचार के आगे लाचार सरकार
खड़से ने बताया ज़िले के करीब 900 टेंडर में अनियमिता होने के कारण संबंधित कार्य बंद पड़ेंगे। इस तरह सनसनीखेज खुलासा किया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि ज़िले के कद्दावर नेता के दबाव के कारण लोकनिर्माण विभाग के मंत्री चौहान ने इस मामले की जांच कराने में असमर्थता जताई है। एक तरह से जलगांव लोक निर्माण विभाग की भ्रष्टाचार के सामने भाजपा की फ़डनवीस- शिंदे-पवार सरकार लाचार है। इस तरह खड़से ने राज्य सरकार पर निशाना साधा है।
भ्रष्ट अधिकारी को प्रमोशन पे प्रमोशन, गैर कानूनी तरीके से पदोन्नति
बंजारा समुदाय के कुंभ हेतु सरकार ने 350 करोड़ रुपये का अनुदान राशि मंजूर किया था। लेकिन प्रत्यक्ष रूप में 150 करोड़ भी खर्च नहीं हुए। इस सिलसिले में जिलाधिकारी आयुष प्रसाद से जानकारी मांगी किंतु 6 महीना बीत जाने के बावजूद जानकारी नहीं उपलब्ध कराई गई। विधायक खड़से ने लोक निर्माण विभाग अधीक्षक अभियंता प्रशांत को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि वे भ्रष्टाचार में लिप्त हैं मंत्री महोदय उन्हें प्रमोशन दे रहे हैं अब उन्हें अधीक्षक अभियंता बना दिया गया है। जबकि उन पर औरंगाबाद के कार्यकाल में फूलम्बरी-खुल्दाबाद-जालना मार्गों की सड़कों में भ्रष्टाचार में लिप्त पाए जाने के गंभीर आरोप थे। सरकार से सारी बातें छुपा कर उन्हें प्रमोशन दिया रहा है। जबकि सोनवणे के खिलाफ 2013 में भ्रष्टाचार के मामले में नियुक्त होने के आरोप में चार्जशीट दाखिल होने के बावजूद उन्हें गैर कानूनी तरीके से पदोन्नति दी है।
निष्पक्ष जांच नहीं
सोनवणे के भ्रष्टाचार का सिलसिला जलगांव में ही नहीं थमा उन्होंने नियमों का उल्लंघन करते हुए मेडिकल कॉलेज के 10 करोड़ 64 लाख रुपये के अनुदान में कार्य न करते हुए 6 करोड़ रुपए का भुगतान कर आपस में बंदर बाट कर किया। इस प्रकार गंभीर आरोप लगाया है। यह घोटाला सरकार के ध्यान में आता ही मामले की जांच कराई गई है। इस मामले की शिकायत लोक निर्माण विभाग के मंत्री रविंद्र चौहान से की गई तो उन्होंने विधानसभा सचिवालय में कहा कि जलगांव जिले के मंत्री का दबाव होने के कारण इस मामले के निष्पक्ष जांच नहीं कराई जा सकती, मैं असमर्थ हूं। इस तरह के बयान उन्होंने दिया था। इस तरह का खुलासा एकनाथ खड़से ने किया है।
मंत्री महाजन के खिलाफ एक रुपए का दाखिल किया केस
पूर्व मंत्री और वरिष्ठ राकांपा नेता एकनाथ राव खड़से ने ग्रामीण विकास मंत्री गिरीश महाजन के खिलाफ मंगलवार को जलगांव अदालत में आपराधिक मामला दायर कराया हैं। साथ ही अपमान जनक बयान देने के कारण एक रुपये मानहानि का दावा किया है। विधायक खड़से ने मंगलवार को न्यायालय के रजिस्ट्रार के सामने एफिडेविट में कहा है कि मंत्री गिरीश महाजन ने बार-बार झूठे बयान देकर मुझे परेशान किया है और अपमानजनक बयान देकर समाज में बदनाम किया है। उन्होंने पहले भी मेरी बीमारी के बारे में संदेह जताया था। उन्होंने मेरे बेटे की मौत के बारे में भी संदिग्ध बयान दिए।