महामार्ग बना अतिक्रमण धारियों का अड्डा

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    जलगांव : नागरपुर सूरत महामार्ग (Nagarpur Surat Highway) पर स्थानीय प्रशासन की उदासीनता के कारण सड़क किनारे (Roadside) बड़ी संख्या में दुकानदारों (Shopkeepers) और वाहनों (Vehicles) ने अतिक्रमण (Encroachment) किया है जिसके कारण महामार्ग (Highway) अतिक्रमण के शिकंजे में फंस गया है इसके प्रति लापरवाही एनएचएआई (NHAI) ने बरत रखी है। अतिक्रमण हादसों को दावत दे रहे हैं। लंबे इंतजार के बाद ट्रैफिक जाम की वजह से हादसों का खतरा बढ़ने से शहर के हाईवे फोर लेन हो गए। जलगांव शहर से गुजरने वाले हाईवे के दोनों ओर भारी आबादी बढ़ी। जैसे-जैसे वाहनों की संख्या बढ़ती गई, वैसे-वैसे हादसों की संख्या भी बढ़ती गई। पिछले दस से बारह साल से समानांतर सड़कों की मांग बढ़ रही है। पालधी से नेशनल हाईवे नंबर 6 के बाईपासके बाद जलगांव शहर में हाईवे को फोर लेन बनाने का काम स्वीकृत हुआ और पिछले तीन साल में शुरू हो गया। झंडू कंस्ट्रक्शन (Zandu Construction) तीन साल से अधिक समय से राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के माध्यम से इस काम को अंजाम दे रहा है।

    खोटेनगर से कालिंकमाता चौक तक फोरलेन सड़क सात किलोमीटर के चरण में बनकर तैयार हो गई है, जिससे वाहन चालकों को राहत मिलनी चाहिए थी।  हालांकि हाईवे को चौड़ा करते समय सड़क के किनारे लगे अतिक्रमण हटा गया था, लेकिन फोर लेन सड़क बनने के बाद इस सड़क के दोनों किनारों पर फिर से अतिक्रमण बड़े पैमाने पर हो गया है, हालांकि यह अतिक्रमण वाहन हाईवे की सीमाओं के भीतर नहीं हैं, लेकिन वाहन सड़क के किनारे खड़े होने के कारण भारी ट्रैफिक जाम लग गया रहा है। दरअसल, एक नियम है कि कोई भी और वाहन हाईवे के दोनों ओर कम से कम पांच मीटर पार न करें इस बारे में बार-बार रिपोर्ट करने के बावजूद राजमार्ग प्राधिकरण और नगर निगम इसकी अनदेखी कर रहे हैं। गडकरी ने इस पर चिंता व्यक्त की थी। हालांकि नगर निगम की ओर से अभी तक कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं दी गई है। जिसके चलते महामार्ग अतिक्रमण धारियों का अड्डा बन गया है।