जानें क्यों, आदिवासी विकास परियोजना कार्यालय के कर्मचारियों ने किया आंदोलन

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    यावल : शहर के एकात्मिक आदिवासी विकास परियोजना कार्यालय (Tribal Development Project Office) में तीन कथित पत्रकारों द्वारा किए जा रहे गैरव्यवहार के निषेध में कर्मचारियों (Employees) ने कार्यालय के बाहर 5 घंटों तक धरना आंदोलन (Protest) किया। इस संबंध में बताया गया है कि चोपड़ा के तीन कथित पत्रकारों ने चोपड़ा तहसील के एक सरकारी आश्रम स्कूल में हुई घटना की प्रति और सहायक परियोजना अधिकारी प्रशांत माहोरे से कार्यालय द्वारा की गई जांच और कार्रवाई की रिपोर्ट की मांग की। 

    माहोरे ने बताया कि मामले की जांच करायी गयी है और जिस कर्मचारी को निलंबित किया गया है उसके खिलाफ कार्रवाई की गयी है। माहोरे का आरोप है कि पत्रकार जांच रिपोर्ट की मांग कर रहे थे और इस संबंध में माहोरे से बहस करने लगे, चूंकि जांच रिपोर्ट छात्रा के बारे में है और यह गोपनीय रखी जाती है, इसलिए उसे किसी को देना संभव नहीं है लेकिन तीनों पत्रकार परियोजना अधिकारी विनीता सोनवणे के कमरे में गए और जोर जोर से और तेज आवाज में अपमानित करते रहे। 

     ज्ञापन में 40 कर्मचारियों के हस्ताक्षर

    उनके इस व्यवहार से कार्यालय के कर्मचारियों को गुस्सा आ गया। उन्होंने पुलिस को घटना की जानकारी दी। पुलिस तत्काल मौके पर पहुंची तो तीनों वहां से फरार हो गए। उसके बाद शाम तक कार्यालय के बाहर कर्मचारियों ने धरना दिया और विरोध करते हुए नारेबाजी की। इसके बाद कर्मचारियों ने शाम को फौजदार प्रदीप बोरुडे को ज्ञापन देकर सख्त कार्रवाई की मांग की है। इस मौके पर आदिवासी संगठन के प्रदेश अध्यक्ष एम. बी. तडवी मौजूद थे और उन्होंने इस घटना की निंदा की है। ज्ञापन में 40 कर्मचारियों के हस्ताक्षर हैं।