जलगांव : जिले में बालू घाटों (Sand Ghats) की फिलहाल नीलामी नहीं हुई है| इसके अलावा, नदी (River) के तल में पानी होने के बावजूद मशीनीकरण (Mechanization) के माध्यम से रेत (Sand) को बार-बार बाहर निकाला जा रहा है। शाम के बाद नदी तल में बालू का परिवहन नहीं करना चाहिए | साथ ही नदी पुल से कम से कम 500 मीटर के दायरे में बालू निकासी पर प्रतिबंध होने के बावजूद कई जगहों पर मिल पुलों के किनारे से बालू निकासी की गई है। इसके कारण, पुलों के खंभे गहराई से उजागर होते हैं और संरचना के लिए ही खतरा पैदा कर रहा है। इसलिए कलेक्टर अमन मित्तल ने नदी तल से रेत निकासी पर रोक लगाने के निर्देश दिए हैं।
जिले में तापी गिरना नदी बेसिन और अन्य नदी चैनलों में बालू घाटों की नीलामी नहीं हुई है| साथ ही मिल परियोजना से अभी तक कम से कम 2 से 5 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा था। दो दिन पहले यह बंद हो गया। फिर भी धडले से बालू की निकासी जोरसे चल रही है। इस बीच कलेक्टर अमन मित्तल ने नदी तल से बालू निकासी पर रोक लगाने के निर्देश दिये हैं। बालू के विकल्प के रूप में महीन बजरी का उपयोग करने का भी निर्देश दिया गया है। इसलिए ठेकेदारों ने बालू की कमी बताकर काम बंद कर दिया है।
हालांकि, अवैध बालू ट्रांसपोर्टर जेसीबी या अन्य मशीनों के जरिए नदी तल से ट्रैक्टर या डंपर भरते हैं, रात 11 बजे के बाद सुबह 6 बजे के बीच रेत परिवहन के वाहन शहर क्षेत्र में गड़गड़ाहट करते हैं। जिले में भडगांव, पचोरा तालुका और जलगांव तालुकों में देखा जा रहा है कि सुबह तक प्रशासन की नाक के नीचे अवैध बालू के कई ट्रैक्टर और डंपर सड़कों पर बेरोकटोक दौड़ रहे हैं।