वरणगांव ग्रामीण अस्पताल सुविधाओं से वंचित

    Loading

    वरणगांव : वरणगांव ग्रामीण अस्पताल (Varangaon Rural Hospital) में समस्या खड़ी हो गई है और अस्पताल सुविधाओं (Facilities) से वंचित हो गया है। प्रशासन (Administration) और स्थानीय जनप्रतिनिधि (Public Representatives) इस मुद्दे को नजर अंदाज कर रहे हैं और आक्रोशित प्रतिक्रियाएं भी आ रही हैं। 

    सैकड़ों मरीज इलाज के लिए आते हैं

    वरणगांव शहर सहित 27 गांव अस्पताल के अंतर्गत आता है। इस क्षेत्र की आबादी करीब दो लाख है। इसमें बड़ी संख्या में गरीब किसान और मेहनतकश लोग रहते हैं। शहर से होकर गुजरने वाले हाईवे और नजदीकी रेलवे लाइन के कारण हादसों की संख्या बढ़ती जा रही है। सरकार ने घायलों और अन्य मरीजों को सुविधाएं मुहैया कराने के लिए वरणगांव में एक ग्रामीण अस्पताल की स्थापना की है। इस ग्रामीण अस्पताल में प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण और शहरी क्षेत्र के मरीज इलाज के लिए आते हैं। अस्पताल में सारी सुविधाएं नहीं हैं और सारे उपकरण धूल फांक रहे हैं। कर्मचारी अपना काम लगन से न करने की वजहसे मरीजों का समुचित इलाज नहीं होने से लोगों को निजी अस्पतालों में इलाज कराना पड़ रहा हैम। जिससे मरीजो की हालत खस्ता हो रही है।  

    किसके आदेश से दोपहर की ओपीडी बंद है? 

    जलगांव जिला अस्पताल में दो बार ओपीडी ली जाती है लेकिन वरंणगांव ग्रामीण अस्पताल में सुबह 9 से 12 बजे तक ओपीडी ही ली जाती है, लेकिन अस्पताल बनने के बाद से दोपहर 4 से 5 बजे तक ओपीडी शुरू नहीं हुई है। किसके आदेश से दोपहर की ओपीडी बंद कर दी गई? ऐसे कई सवाल मौजूद हैं। सरकार द्वारा इतना खर्च करने के बावजूद इसका दुरूपयोग हो रहा है। ऐसे कई सवालों की चर्चा अस्पताल में ही हो रही है। सरकार की स्वास्थ्य सेवा से शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में गरीब और आम मरीजों को कोई लाभ नहीं होता है। सेवा 24 घंटे की है पर इन कामचोर कर्मचारियों पर प्रशासन से कडी कार्यवाही की मांग लोंगो ने कि हे।