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एकनाथ शिंदे , देवेंद्र फडणवीस

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मुंबई: महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष द्वारा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (CM Eknath Shinde) और 15 विधायकों को अयोग्य घोषित किये जाने की स्थिति में भी शिवसेना (Shivsena) के शेष विधायकों और राकांपा नेता अजित पवार (Ajit Pawar) के प्रति निष्ठा रखने वाले विधायकों के समर्थन से भारतीय जनता पार्टी (BJP) राज्य में सत्ता बरकरार रख सकती है। एक पूर्व अधिकारी ने सोमवार को यह दावा किया।

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के कम से कम 40 विधायक कथित तौर पर अजित पवार का समर्थन कर रहे हैं, जिन्होंने रविवार को उपमुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ग्रहण की। उनके आठ साथी नेताओं ने भी मंत्री के रूप में शपथ ली। सूत्रों ने राजभवन को सौंपे गये एक पत्र के हवाले से बताया कि अजित पवार को राकांपा के कम से कम 40 विधायकों का समर्थन है।

राज्य की 288 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के 105 सदस्य हैं, जबकि शिंदे नीत शिवसेना के 40 सदस्य भी सरकार का हिस्सा हैं। कम से कम 10 निर्दलीय विधायक भी भाजपा का समर्थन कर रहे हैं। भाजपा के 105 और अजित पवार का समर्थन कर रहे राकांपा के 40 विधायकों के साथ आ जाने से इसका (भाजपा का) संयुक्त संख्या बल 145 हो गया है। इस तरह, भाजपा, शिंदे नीत शिवसेना के समर्थन के बगैर भी सरकार के अस्तित्व को बचा सकती है। कांग्रेस के 45 और शिवसेना (यूबीटी) के 17 विधायक हैं।

साल 2019 के विधानसभा चुनाव में राकांपा ने 54 सीट पर जीत दर्ज की थी। महाराष्ट्र विधानसभा के पूर्व प्रधान सचिव अनंत कलसे ने कहा कि मुख्यमंत्री शिंदे सहित 16 विधायकों की अयोग्यता की स्थिति में, भाजपा-शिवसेना-राकांपा (अजित नीत गुट) गठजोड़ (अजित के प्रति निष्ठा रखने वाले) राकांपा विधायकों के समर्थन से सत्ता बरकरार रख सकता है।

उन्होंने कहा, ‘‘उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष को मुख्यमंत्री सहित 16 विधायकों को अयोग्य ठहराने का अनुरोध करने वाली याचिका पर फैसला करना चाहिए। ऐसे में, यदि शिंदे अयोग्य घोषित हो जाते हैं तो भाजपा-शिवसेना-राकांपा गठजोड़ राकांपा विधायकों के समर्थन से सत्ता बरकरार रख सकता है।”

शीर्ष न्यायालय ने मई में, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उनके गुट के 15 विधायकों की आयोग्यता पर फैसले का मामला महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर के पास भेज दिया था। इस बीच, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने सोमवार को दावा किया कि उनके पास यह सूचना है कि भाजपा ने अजित पवार को मुख्यमंत्री पद का वादा किया है।

चव्हाण ने सोमवार को दावा किया, ‘‘मैंने इस बारे में सार्वजनिक रूप से कहा था (कि अजित पवार भाजपा के साथ जा सकते हैं), लेकिन मुझे आलोचना का सामना करना पड़ा। उन्हें (अजित को) क्या पद मिलेगा, उस बारे में केवल सौदेबाजी हो रही थी। हमारे पास उपलब्ध सूचना के अनुसार, विधानसभा अध्यक्ष के (शिवसेना के 16 विधायकों की अयोग्यता पर) फैसले की मदद से एकनाथ शिंदे को हटा कर उन्हें (अजित को) मुख्यमंत्री पद देने का वादा किया गया है।” शिवसेना(यूबीटी) सांसद संजय राउत ने दावा किया कि अजित पवार के शपथ ग्रहण समारोह से शिंदे के लिए उल्टी गिनती शुरू हो गई है।

राउत ने दावा किया, ‘‘शिंदे गुट के विधायक सदन की सदस्यता से अयोग्य घोषित हो जाएंगे। उसके बाद भी सत्ता में बने रहने के लिए अजित पवार और राकांपा विधायक सरकार में शामिल हुए हैं।” अजित पवार और आठ अन्य के शामिल होने से महाराष्ट्र मंत्रिमंडल के कुल सदस्यों की संख्या बढ़ कर 29 हो गई है। मंत्रिपरिषद के बहुप्रतीक्षित विस्तार से 14 रिक्तियां शेष रह गई हैं। राज्य में अधिकतम 43 मंत्री हो सकते हैं। भाजपा और उसकी सहयोगी शिंदे नीत शिवसेना के मंत्रिपरिषद में 10-10 कैबिनेट मंत्री हैं। (एजेंसी)