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नई दिल्ली/मुंबई. महाराष्ट्र (Maharashtra) में इस समय सियासी ड्रामा बरकरार है। वहीं आज शक्ति प्रदर्शन के लिए लगातार बैठकों का दौर चल रहा है। दरअसल आज अजित पवार (Ajit Pawar) और शरद पवार (Sharad Pawar) दोनों ही अलग-अलग समय पर अपने समर्थन वाले विधायकों के साथ बैठक करने वाले हैं। 

इधर जानकारी के अनुसार महाराष्ट्र में अगले 3 से 5 दिनों में मंत्रिमंडल विस्तार किया जाएगा। जहां NCP गुट के कुछ विधायकों ने महाराष्ट्र सरकार में मंत्री पद की शपथ ली है। वहीं खुद अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली है। ऐसे में आने वाले दिनों में मंत्रिमंडल विस्तार किया जाएगी। हालांकि इन सबके बीच जो खबर बाहर आ रही है वो यह है कि, अजित पवार गुट के इस तरह से BJP में शामिल होने से अन शिंदे गुट में थोड़ी नाराजगी दिख रही है।

शिंदे गुट में नाराजगी 

दरअसल मामले पर शिवसेना (एकनाथ शिंदे) नेता संजय शिरसाट (Sanjay Shirsat) ने कहा है कि, “राजनीति में जब हमारा प्रतिद्वंद्वी गिरोह हमारे साथ आना चाहता है, तो हमें उन्हें शामिल करना पड़ता है और BJP ने यही किया। अब NCP के हमारे साथ आने के बाद, हमारे समूह के लोग नाराज हैं क्योंकि उनमें से कुछ हमारे नेताओं को उनका वांछित पद अब नहीं मिलेगा। 

उन्होंने यह भी कहा कि, “यह सच नहीं है कि हमारे सभी नेता NCP के हमारे साथ आने से खुश हैं। हमने CM और डिप्टी CM को सूचित कर दिया है और उन्हें इस मुद्दे को हल करना होगा।।। हम तो हमेशा से NCP के खिलाफ थे और आज भी हैं हम शरद पवार के खिलाफ हैं। शरद पवार ने उद्धव ठाकरे को CM के रूप में उनका इस्तेमाल किया था। जब उद्धव मुख्यमंत्री थे तो शरद पवार सरकार चलाते थे।।। एकनाथ शिंदे ही अब कार्रवाई का फैसला करेंगे।”

क्या शिंदे से छिनेगी CM की कुर्सी 

वहीं संजय राउत का मामले पर कहना है कि, जिस तरह से अजीत पवार को लाया गया है इसकी ज़रूरत नहीं थी। पूरा बहुमत BJP के पास था, 170 तक उनका आंकड़ा हो गया था फिर भी अजीत पवार जैसे वरिष्ठ नेता और कुछ विधायक को उनके सामने लाकर अब शिंदे गुट के सामने चुनौती रखी गयी है, शिंदे गुट का पावर अब खत्म कर दिया है। आने वाले दिनों में जल्द ही मुख्यमंत्री बदल सकता है।”

शिंदे ने बुलाई बैठक

हालांकि वहीं जानकारी के अनुसार, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने पार्टी नेताओं की बैठक बुलाई है। इस बैठक में सभी विधायकों और सांसदों को बुलाया गया है। बैठक में शामिल होने के लिए सहयोगी निर्दलीय विधायकों को भी न्योता दिया गया है। दूसरी ओर, उद्धव ठाकरे भी मातोश्री में शिवसेना के पूर्व विधायकों के साथ एक बैठक करने वाले हैं।