MLA Ratnakar Gutte

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    मुंबई:  सीबीआई ने 409 करोड़ रुपए के कथित बैंक धोखाधड़ी मामले में महाराष्ट्र के विधायक रत्नाकर गुट्टे के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की  है। साथ ही सीबीआई ने छापेमारी भी की है। मिली जानकारी के अनुसार, एजेंसी ने विधायक गुट्टे और उनकी कंपनी के अलावा उनके बेटे और परिवार के अन्य सदस्यों को भी प्राथमिकी में नामजद किया है। सीबीआई के मुताबिक गुट्टे गंगाखेड शुगर ऐंड एनर्जी लिमिटेड के निदेशकों में से एक हैं। 

    अधिकारियों के मुताबिक आरोप है कि कंपनी को दीर्घ अवधि ऋण, कार्यशील पूंजी सुविधा और अन्य कर्ज के रूप में 577.16 करोड़ रुपये का ऋण यूको बैंक के नेतृत्व वाले बैंकों के संकुल से वर्ष 2008 से 2015 के दौरान मिला।   उन्होंने बताया कि सीबीआई ने हाल में गुट्टे और अन्य आरोपियों के नागपुर स्थित दो ठिकानों और परभणी के तीन ठिकानों पर छापेमारी की थी। 

    अधिकारियों ने बताया कि गुट्टे के बेटे और परिवार के अन्य सदस्यों को भी भारतीय दंड संहिता की आपराधिक साजिश और धोखाधड़ी संबंधी धाराओं और भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत नामजद किया गया है। 

     प्रवर्तन निदेशालय ने गुट्टे और कंपनी के खिलाफ कथित धनशोधन के मामले में पिछले साल दिसंबर में आरोप पत्र दाखिल किया था। बैंक ने आरोप लगाया है कि कंपनी ने स्टॉक लेखाजोखा में कुल परिसंपत्तियों को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाकर अधिक कार्यशील पूंजी प्राप्त की और ऋण के रूप में मिली राशि दूसरे मदों में खर्च किया। 

    कोण है रत्नागकर गुट्टे? 

    रत्नागकर गुट्टे ने आठवीं कक्षा तक की शिक्षा पूरी की है। अपनी शिक्षा के बाद उन्होंने बीड जिले के परली में एक थर्मल प्लांट में काम करना शुरू किया। काम के साथ-साथ वे धीरे-धीरे समझ रहे थे कि उनके आसपास कौन क्या कर रहा है, लेन-देन कैसे हो रहा है। अनेक लोगों से मीठी-मीठी बातें करके उन्होंने सब कुछ सीख लिया। इसके बाद वे सीधे ठेके लेने लगे। 

    रत्नाकर ने इसके बाद सुनील हाईटेक प्रा. लिमिटेड नाम की एक कंपनी बनाई और देश भर में बिजली परियोजनाओं के ठेके लेने लगे। बाद में उन्होंने चीनी से पैसे कमाने का एक तरीका निकाला। उन्होंने गंगाखेड़ में चीनी का कारखाना शुरू किया। 

    कुछ दिनों बाद गुट्टे राष्ट्रीय समाज पार्टी में शामिल हो गए।वहीं, उन्होंने 2014 में आरएएसपी के टिकट पर चुनाव लड़ा लेकिन हार गए। बाद में जून 2019 में गुट्टे को किसानों के पक्ष में हजारों करोड़ रुपये का कर्ज लेने के मामले में गिरफ्तार किया गया था। वे परभणी जेल में बंद थे, हालांकि यहां से उन्होंने विधान सभा के लिए अपना चुनावी आवेदन दाखिल किया और चुनाव जीत गए। उन्होंने शिवसेना के विशाल कदम को 18 हजार 896 मतों से हराया।