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    नई दिल्ली. वैसे तो महाराष्ट्र (Maharashtra) के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी (Governor Bhagat Singh Koshiyari) अपने बयानों को लेकर हमेशा ही चर्चा का विषय बन जाते हैं। ऐसे में अब एक बार फिर वे पाने बयान को लेकर चर्चा में हैं। दरअसल बीते शुक्रवार को जैन समुदाय के एक कार्यक्रम में उन्होंने साफ़ कहा कि, वे राज्यपाल बनने के बाद से बिलकुल खुश नहीं है, साथ ही उन्हें यह भी लगता है कि वह सही जगह पर नहीं हैं।

    कोश्यारी ने आगे कहा कि, जब राजभवन में सन्यासी आते हैं तब उन्हें बहुत खुशी होती है।वहीं महाराष्ट्र राज्यपाल के इस बयान के बारे में BJP ने कहा कि इस बयान को विवाद के चश्मे से देखना फिलहाल मुनासिब नहीं लगता ।

    पहले भी कोश्यारी के बयानों पर मचा बवाल 

    हालांकि यह कोई पहला मौका नहीं है जब राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी अपने बयान के चलते सुर्खियों में हो। इससे पहले उन्होंने बीते 19 नवंबर को औरंगाबाद में एक यूनिवर्सिटी के कार्यक्रम में शिवाजी को पुराने दिनों का आइकॉन या आदर्श बताया था। कोश्यारी के साथ इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री और BJP नेता नितिन गडकरी और NCP प्रमुख शरद पवार भी मौजूद थे। 

    मांगी थी गृहमंत्री शाह से माफ़ी 

    इसके साथ ही तब उन्होंने भरी सभा में बाबासाहेब आंबेडकर और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को नए जामने का बड़ा आइकन बताया था। उनके इस बयान के बाद ही  विपक्ष के नेता उन पर हमलावर हो गए थे और उनके इस्तीफे की मांग करने लगे थे। वहीं खुद महाराष्ट्र में सरकार बना चुके शिंदे गुट ने भी कोश्यारी के भी इस बयान का विरोध किया था। हालांकि बाद में गृहमंत्री अमित शाह को एक चिट्ठी लिखकर उन्होंने अपने बयान की माफ़ी मांग ली थी।