CM Shinde and Uddhav Thakre
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    नई दिल्ली. महाराष्ट्र (Maharashtra) के सियासी संकट की बीच आज सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के चीफ जस्टिस एनवी रमना की बेंच में हुई सुनवाई में उद्धव ठाकरे की अगुआई वाले खेमे और एकनाथ शिंदे खेमे की याचिकाओं पर सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद SC ने कहा कि अगर जरूरी हुआ तो कुछ मुद्दे बड़ी बेंच यानी संवैधानिक पीठ को भेजे जा सकते हैं। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने इस बाबत अगली सुनवाई 1 अगस्त को रखी। वहीं न्यायलय ने सभी पक्षों से मंगलवार तक जवाब दाखिल करने को कहा है।

    आज मामले पर उद्धव गुट के वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि, शिवसेना से अलग होने वाले विधायक अयोग्य हैं। उन्होंने किसी भी एनी पार्टी के साथ विलय भी नहीं किया। अगर शिंदे गुट की याचिका को सुना गया तो ऐसे में हर चुनी हुई सरकार को गिराया जा सकता है। इससे लोकतंत्र का आस्तित्व ही खतरे में आ जाएगा। वहीं उद्धव गुट के दूसरे वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने भी कहा कि, “गुवाहाटी जाने से पहले एक दिन पहले शिंदे गुट ने तब के डिप्टी स्पीकर को एक गैरआधिकारिक मेल से पत्र भेजा और उनको हटाने की मांग की। मैं इसे कोई रिकॉर्ड नहीं मानता, क्योंकि डिप्टी स्पीकर के सामने कोई भी विधायक नहीं आया था फिर ये कैसे हो गया?” ऐसे ही कई दलीलें दोनों वकीलों ने रखी। 

    गौरतलब है कि महाराष्ट्र के CM एकनाथ शिंदे के साथ डिप्टी CM देवेंद्र फडणवीस ने भी शपथ ली थी। लेकिन उनके शपथ ग्रहण के बाद से ही मंत्रिमंडल विस्तार का कार्यक्रम अटका हुआ है। लेकिन विधायकों की सदस्यता पर फैसला होने के बाद ही मंत्रिमंडल के विस्तार की अटकले आ रही हैं। हालाँकि महाराष्ट्र के CMएकनाथ शिंदे ने बीते मंगलवार को शिवसेना पर दावा ठोकते हुए लोकसभा स्पीकर के सामने 12 सांसदों की परेड करा दी थी। 

    जिस पर शिंदे का दावा था कि शिवसेना के 19 में से 18 सांसदों का समर्थन इस समय उनके पास है। तब स्पीकर ओम बिड़ला ने भी बागी गुट के नेता एकनाथ शिंदे समर्थक सांसद राहुल शेवाले को भी लोकसभा में शिवसेना के नेता के तौर पर मान्यता दे दी। इसके अलावा शिवसेना की ही सांसद भावना गवली को चीफ व्हिप की नियुक्ति को भी इन्होने मान लिया।