Due to this, only five percent of Omicron patients were admitted to the hospital in Mumbai, so far 4,629 patients have become infection free.
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    मुंबई: कोरोना वायरस (Coronavirus) के खतरनाक वेरिएंट ओमीक्रोन (Omicron) की कई देशों में दहशत के बीच महाराष्ट्र (Maharashtra) में टेंशन बढ़ गई है। मुंबई के धारावी इलाके में ताज़ा ओमीक्रोन का मामला सामने आया है। मुंबई के धारावी इलाके से मिले केस में एनएनआई ने बीएमसी के हवाले से जानकारी दी है कि, व्यक्ति तंजानिया से लौटा था, वह फिलहाल अस्पताल में भर्ती। 

    बता दें कि, महाराष्ट्र में कोरोना के नए वेरियंट ओमीक्रोन ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है। ओमीक्रोन से निपटने के लिए सरकार ने तैयारियां और भी तेज कर दी है। राहत की बात यह है कि मुंबई में कोरोना के नए केस में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है। पिछले 7 दिन की बात की जाए तो करीब 4 प्रतिशत की गिरावट दर्ज हुई है। साथ ही जो मामले दर्ज भी हो रहे हैं, उनमें से अधिकतर मरीज असिम्प्टोमैटिक हैं।

    वहीं राज्य में ओमीक्रोन की दहशत के बीच शुक्रवार को महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार (Deputy CM Ajit Pawar) ने राहत देने वाली जानकारी देते हुए बताया है कि, पुणे (Pune) में कोरोना वायरस (Corona Virus) के नये स्वरूप ओमीक्रोन (Omicron) से संक्रमित मिले सात में से पांच मरीजों की जांच रिपोर्ट अब नेगेटिव (Negative Report) आयी है। जिले में कोविड-19 की स्थिति पर साप्ताहिक समीक्षा बैठक में मंत्री ने पत्रकारों से कहा कि पिम्परी-चिंचवाड़ औद्योगिक टाउनशिप में मिले छह में से चार मरीजों और पुणे शहर के एक मरीज की जांच रिपोर्ट नेगेटिव आई है।

    बताया जा रहा है कि, कोरोना के ओमीक्रोन वेरिएंट के अब तक दुनिया के 50 से ज़्यादा देशों में दस्तक दे दी है। भारत के अलावा कुछ एशियाई देशों में इस वायरस के पेशेंट मिल चुके हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) (WHO) ने ओमीक्रोन के आगे फैलने की चेतावनी दी है। डब्ल्यूएचओ ने इसे वेरिएंट ऑफ कंसर्न बताया है।

    दक्षिण अफ्रीका में सबसे पहले इस वेरिएंट से संक्रमित व्यक्ति की पहचान हुई थी।कोविड-19 वायरस के बी.1.1.529 स्वरूप की पहचान दक्षिण अफ्रीका में की गई थी। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने शुक्रवार को इस स्वरूप को ‘चिंता उत्पन्न करने वाले स्वरूप’ की श्रेणी में डाला। विश्व निकाय ने वायरस के इस स्वरूप को ‘ओमीक्रॉन’ नाम दिया है। इस वायरस की सबसे पहले जानकारी 24 नवंबर को दक्षिण अफ्रीका में मिली थी।