MTHL

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    मुंबई: देश के सबसे लंबे समुद्री ब्रिज मुंबई ट्रांसहार्बर लिंक (Mumbai Transharbour Link) का निर्माण तेजी से हो रहा है। मुंबई से नवी मुंबई (Mumbai to Navi Mumbai) को जोड़ने वाले बहुउद्देशीय एमटीएचएल (MTHL) का लगभग 80 प्रतिशत काम पूरा हो गया है। एमएमआरडीए (MMRDA) समुद्र के ऊपर 21.8 किमी का देश का सबसे बड़ा पुल का बना रहा है। 

    मुंबई की तरफ शिवडी को नवी मुंबई की तरफ चिरले को जोड़ने वाली लगभग 18,000 करोड़ रुपए लागत वाली यह परियोजना जापान सरकार की वित्तीय संस्था जेआईसीए की मदद से कार्यान्वित हो रही है। एमएमआरडीए के कमिश्नर एसवीआर श्रीनिवास नियमित रूप से कार्यप्रगति की समीक्षा कर रहे हैं। पैकेज 1, 2 और 3 का 80 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है।

    अक्टूबर 2023 तक खोलने का लक्ष्य

    कमिश्नर श्रीनिवास के अनुसार इस ब्रिज को अक्टूबर 2023 तक खोलने का लक्ष्य रखा गया है। समुद्री गलियारे में 6 किलोमीटर की दूरी पर शोर अवरोध होंगे, संवेदनशील बीएआरसी परमाणु परिसर और अन्य प्रवासी पक्षियों की सुरक्षा का विशेष ध्यान दिया गया है। देश के सबसे लंबे समुद्री पुल के 21.8 किमी हिस्से में से 15.5 किमी समुद्र के ऊपर होगा। मुंबई ट्रांस हार्बर पर 6 लेन का पुल बन रहा है। यह बहुउद्देशीय परियोजना मुंबई और नवी मुंबई के बीच कनेक्टिविटी में मील का पत्थर साबित होगी।

    मुंबई-पुणे एक्सप्रेस तक विस्तार

    मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक (एमटीएचएल) का विस्तार मुंबई-पुणे एक्सप्रेस-वे तक किए जाने का निर्णय लिया गया है। इस विस्तार के लिए एमएमआरडीए को लगने वाली लगभग 2650  की अतिरिक्त राशि कर्ज के रूप में लिए जाने को मंजूरी दी गई है। एमएमआरडीए के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, विस्तार की भी प्रक्रिया शुरू हो गई है। नगर विकास विभाग ने एमएमआरडीए को चिरले से मुंबई-पुणे एक्सप्रेस-वे तक एमटीएचएल के प्रस्तावित विस्तार के लिए 2 प्रतिशत ब्याज पर लगभग 2650 करोड़ का कर्ज लिए जाने को हरी झंडी दी है। यह फंड युडी के एमसीएस आरएफ (मेगा सिटी स्कीम-रिवॉल्विंग फंड) के तहत कर्ज के रूप में प्राप्त होगा।

    होगी समय की बचत

    एमटीएचएल नवी मुंबई के चिरले में उतरेगा, जो कि एक्सप्रेस-वे से 6 किमी की दूरी पर है। लिंक-वे बना कर इसे पुणे एक्सप्रेस-वे से जोड़ा जाएगा। इस योजना से यात्रियों को बिना ट्रैफिक में फंसे दक्षिण मुंबई के वर्ली से सीधे पुणे पहुंचने में मदद मिलेगी। मानसून के दौरान इस मार्ग पर बड़ी समस्या होती है। विस्तार के बाद यात्रा के समय में एक घंटे से अधिक की बचत होगी।