(Image-Twitter)
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    मुंबई: जबरन वसूली के मामले में निलंबित पुलिस उपायुक्त सौरभ त्रिपाठी (DCP Saurabh Tripathi) को बड़ी राहत मिली है। बांबे हाई कोर्ट से त्रिपाठी को अग्रिम जमानत (Anticipatory Bail) मिल गयी है। सरकारी वकील ने हाई कोर्ट को बताया कि जबरन वसूली के मामले में चल रही जांच में सौरभ त्रिपाठी सहयोग कर रहे हैं, जिसके बाद हाई कोर्ट ने उन्हें अग्रिम जमानत दी।

    निलंबित डीसीपी सौरभ त्रिपाठी पिछले 6 महीने से फरार चल रहे थे। उन्होंने बांबे हाई कोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए याचिका दायर किया था। हाई कोर्ट ने सरकार से जवाब मांगा था। मंगलवार को हाई कोर्ट में पेश हुए सरकारी वकील ने बताया कि जबरन वसूली के मामले में चल रही जांच में सौरभ त्रिपाठी सहयोग कर रहे हैं। इसके बाद हाई कोर्ट ने उन्हें अग्रिम जमानत दी।

    पीआई वांगटे समेत कई पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई

    इसी साल मार्च में मुंबई क्राइम ब्रांच ने जबरन वसूली के मामले में पुलिस इंस्पेक्टर ओम वांगटे को गिरफ्तार किया था। लोकमान्य तिलक मार्ग स्टेशन के पुलिस निरीक्षक वांगटे पर आंगड़िया से रंगदारी वसूलने का आरोप था। इसी के साथ वांगटे ने बांबे हाई कोर्ट में दायर अग्रिम जमानत याचिका वापस ले ली थी। क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट (सीआईयू) ने 19 फरवरी को पीआई नितिन कदम और पीएसआई समाधान जामदादे को गिरफ्तार किया था।

    त्रिपाठी के करीबी व्यक्ति की लखनऊ से हुई गिरफ्तारी

    मार्च में ही आंगड़िया वसूली मामले में वांटेड डीसीपी सौरभ त्रिपाठी की हवाला की रकम लेने के आरोप में लखनऊ में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया था। पुलिस उपायुक्त सौरभ त्रिपाठी इस मामले में आरोपी हैं। उन पर गिरफ्तारी की तलवार लटकी हुई थी।