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  • दोषियों पर दंडात्मक कार्रवाई
  • हर वार्ड में कार्रवाई के लिए टीमें तैयार

नवभारत न्यूज नेटवर्क
मुंबई: देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में दुकानों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों के साइन बोर्ड मराठी भाषा में लिखे होने चाहिए। इसके लिए आज से बीएमसी प्रशासन एक्शन शुरू किया। इसके लिए सभी 24 विभागों में टीमें गठित की गई हैं और टीमों का कार्रवाई का अधिकार दिया गया है। जिन दुकानों और प्रतिष्ठानों के साइन बोर्ड मराठी भाषा में मोटे अक्षरों में नहीं लिखे होंगे उनके मालिकों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। 

बीएमसी ने पहले ही दी है चेतावनी 
सुप्रीम कोर्ट ने दुकानों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों को मराठी में साइन बोर्ड लगाने की दो महीने की मोहलत दी थी। बीते शनिवार को यह अवधि समाप्त हो गई। कोर्ट के आदेशों का पालन करने के लिए बीएमसी प्रशासन सख्त हो गया है। बीएमसी प्रशासन की ओर से शनिवार को ही हिदायत दी गई थी कि मराठी में साइन बोर्ड लगाओ नहीं तो मंगलवार से कानून के तहत कार्रवाई शुरू की जाएगी। 

 
 
सख्ती से पालन करने का आदेश
बीएमसी आयुक्त इकबाल सिंह चहल ने सभी संबंधित विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक करके सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का सख्ती से पालन करने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट में दायर रिट याचिका पर 25 सितंबर 2023 को सुनवाई करते हुए जस्टिस बीवी नागरत्ना और उज्जल भुइयां की पीठ ने दो महीने में मराठी में साइन बोर्ड लगाने का समय दिया था। पीठ ने कहा था कि महाराष्ट्र में रहते हुए विक्रेताओं को मराठी साइन बोर्ड के फायदे को समझना चाहिए। राज्य सरकार और बीएमसी के फैसले को खुदरा विक्रेताओं के फेडरेशन ऑफ रिटेल ट्रेडर्स वेलफेयर एसोसिएशन ने चुनौती दी थी। 

मनपा अधिकारी जोशी व काबरे के मार्गदर्शन में टीमें गठित
अतिरिक्त मनपा आयुक्त (शहर) डॉ. अश्विनी जोशी और उपायुक्त (विशेष) संजोग काबरे के मार्गदर्शन में कार्रवाई के लिए टीमों का गठन किया गया है। सभी 24 वार्डों के सहायक आयुक्तों की देखरेख में टीमें कार्रवाई करेंगी। जिन दुकानों और प्रतिष्ठानों के बोर्ड मराठी भाषा में मोटे अक्षरों में नहीं लगाए गए हैं, उनके मालिकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। 

वसूला जाएगा 2 हजार का जुर्माना
मुंबई में 5.5 से 6 लाख दुकानदार हैं। कोर्ट के आदेशों का अनुपालन नहीं होने की स्‍थ‍ित‍ि में बीएमसी प्रतिदिन के हिसाब से दुकानदारों पर 2,000 रुपए का जुर्माना लगा सकती है।  बीएमसी 1 लाख रुपए तक का जुर्माना भी वसूल सकती है। 

मनसे हुई आक्रामक
सुप्रीम कोर्ट द्वारा दी गई दो महीने की मोहलत की अवधि समाप्त होने के बाद राज ठाकरे की अगुवाई वाली महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) आक्रामक हो गई है। इससे पहले मनसे ने कई प्रतिष्ठानों को नोटिस दी थी और पोस्टर भी चस्पा किए थे। मनसे कार्यकर्ताओं ने कुर्ला के फीनिक्स मॉल पर धावा बोला और चेताया कि अगर अगले दस दिनों में मराठी बोर्ड नजर नहीं आया तो मनसे स्टाइल में सबक सिखाया जाएगा। सोमवार को चांदीवली विभाग अध्यक्ष महेंद्र भानुशाली के नेतृत्व में मनसे कार्यकर्ताओं ने मॉल में घुसकर विरोध प्रदर्शन करने की कोशिश की। इस बीच कार्यकर्ताओं और मॉल प्रबंधन के लोगों में नोंकझोंक भी हुई। हालांकि समय रहते पुलिस ने कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया। बाद में उन्हें रिहा कर दिया गया। अंधेरी पश्चिम के बाजार में भी दुकानदारों को मराठी भाषा में बोर्ड लगाने की चेतावनी मनसे ने दी है।  

ठाणे में दुकानों पर पोती कालिख 
ठाणे में भी मनसे कार्यकर्ताओं ने तीखे तेवर दिखाए। मनसे कार्यकर्ताओं ने उन शोरूमों पर कालिख पोत दी, जहां मराठी बोर्ड नहीं लगे हैं। मनसे ने ठाणे में दुकानों के साइन बोर्ड को लेकर विरोध प्रदर्शन किया है। एमजी मोटर्स शोरूम को मनसे ने मराठी में बोर्ड लगाने की चेतावनी दी है। मनसे वर्ष 2006 से मराठी बोर्ड को लेकर आक्रामक रुख अपनाए हुए है। मनसे का आरोप है कि कोर्ट की समय सीमा समाप्त होने के बाद भी कुछ जगहों पर मराठी भाषा में साइन बोर्ड नहीं लगाए गए हैं।