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फ़ाइल फोटो

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    मुंबई: राज्य चुनाव आयोग (State Election Commission) के निर्देश पर वार्डों (Wards) के परिसीमन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने आम जनता से आक्षेप और सुझाव मंगाए थे। वार्ड पुनर्गठन के खिलाफ अब तक बीएमसी (BMC) को 100 शिकायतें (Complaints) प्राप्त हुई हैं। यह जानकारी बीएमसी के अतिरिक्त आयुक्त सुरेश काकानी (Additional Commissioner Suresh Kakani) ने दी। बीएमसी को मिली शिकायतों का निपटारा करने के लिए 22 फरवरी से चुनाव आयोग की तरफ से नियुक्त की गई समिति के समक्ष सुनवाई होगी। सुनवाई पूरी होने के बाद 2 मार्च को रिपोर्ट राज्य चुनाव आयोग को भेजी जाएगी।

    बीएमसी का पिछला चुनाव फरवरी 2017 में हुआ था। मुंबई महानगरपालिका का कार्यकाल 8 मार्च को खत्म हो रहा है। ओबीसी आरक्षण का अब तक निपटारा नहीं होने के कारण चुनाव में देरी हो सकती है। इस बीच, राज्य सरकार ने बीएमसी पर प्रशासक नियुक्त करने का निर्णय लिया है। बीएमसी चुनाव की तारीख अप्रैल-मई या उससे आगे भी बढ़ सकती है। 

     इस बार वार्डों की संख्या बढ़ी

    पिछली बार हुए वार्डों के परिसीमन का विरोध करते हुए कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि बीजेपी अपने सुविधा के अनुसार वार्डों का पुनर्गठन किया है। उसके बाद हुए चुनाव में बीजेपी को चौंकाने वाले नतीजे प्राप्त हुए थे। बीजेपी के 82 नगरसेवक चुन कर आए थे। इस बार वार्डों की संख्या 227 से बढ़ा कर 236 की गई हैं। बीएमसी ने 1 फरवरी को पुनर्गठित वार्डो का मसौदा अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित किया है।

    शिकायत और सुझाव मंगाने की अंतिम तारीख 14 फरवरी 

    बीएमसी के अतिरिक्त आयुक्त सुरेश काकानी ने बताया कि शिकायत और सुझाव मंगाने की अंतिम तारीख 14 फरवरी है। अब तक प्राप्त 100 शिकायतों में संस्था, एशोसिएशन, पूर्व और वर्तमान नगरसेवक की तरफ से दर्ज कराई गई हैं।  शिकायतों में वार्ड से स्लम को अलग करने, वार्डों को विभाजित करने, सीमारेखा में बदलाव करने और एक निश्चित क्षेत्र को वार्ड में जोड़ने जैसी मांग की गई है।