खारे पानी को पीने योग्य बनाने के लिए सलाहकार नियुक्त करेगी BMC

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    मुंबई:  बीएमसी (BMC) अब पानी के लिए केवल तालाबों पर निर्भर नहीं रहना चाहती। समुद्र के किनारे बसी मुंबई (Mumbai) को पानी आपूर्ति करने के लिए बीएमसी ने खारे पानी (Salt Water) को पीने योग्य बनाने की योजना लगाने का निर्णय लिया है। इस योजना के लिए बीएमसी सलाहकार (Consultant) नियुक्त करेगी, जिस पर 150 करोड़ रुपए खर्च होगा।  

    बीएमसी गोराई में खारे पानी को संशोधित करने और प्रतिदिन 200 मिलियन लीटर पीने योग्य पानी का उत्पादन करने के लिए एक परियोजना स्थापित करने का निर्णय लिया है। बीएमसी ने परियोजना के लिए व्यवहार्यता रिपोर्ट तैयार करने की जिम्मेदारी एक इजरायली कंपनी को सौंपा है। 

    1800 करोड़ रुपए अनुमानित लागत आने की उम्मीद

    भविष्य में इसका विस्तार कर प्रतिदिन 200 मिलियन लीटर से बढ़ा कर 400 मिलियन लीटर करने की परियोजना पर कुल 1800 करोड़ रुपए अनुमानित लागत आने की उम्मीद है। बीएसमी ने परियोजना के लिए एक सलाहकार नियुक्त करने जा रही है। सलाहकार परियोजना की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) को सत्यापित करने, परियोजना के डिजाइन की जांच करने और फिर स्थापित की जा रही वास्तविक परियोजना की निगरानी के लिए जिम्मेदार होगा।  सलाहकार परियोजना का  लगभग 6 से 7 प्रतिशत शुल्क वसूलता है।

    • इस परियोजना में बहुत अधिक बिजली खर्च होने की संभावना है।
    • इसके अलवा जलशुद्धिकरण की दर भी बहुत ज्यादा है।
    • बांध बनाने की लागत अधिक होती है और इससे स्थानीय लोगों का विस्थापन भी होता है। 
    • समय लंबा लगने के अलावा पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचता है। 
    • बांध के पानी को पीने योग्य बनाने की लागत 17 रुपए प्रति हजार लीटर है । इस परियोजना में यह खर्च 18 रुपए तक होगा।