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चलती ट्रेन में डंडे से शख्स पर हमला

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  • मध्य रेलवे ने विकसित किया ओएचई पैरामीटर माप गेज उपकरण
  • उपकरण से ओवरहेड तारों में तकनीकी खराबी का लगेगा पता 
  • तारों की मरम्मत में लगने वाले समय में आएगी कमी
मुंबई: मुंबई की लोकल (Mumbai Local) को मुंबई (Mumbai) की धड़कन कहा जाता है। इसके रुकते ही मुंबई बेजान हो जाती है। मुंबई लोकल की रफ़्तार बढ़ाने के लिए मध्य रेलवे (Central Railway) ने बड़ा कदम उठाया है। मध्य रेलवे ने ओएचई (OHE) पैरामीटर माप गेज (PMG) उपकरण विकसित किया है। जिससे रेलवे ओवरहेड तारों में तकनीकी खराबी का तेजी से पता लगेगा। साथ ही उसके समाधान में भी ये प्रणाली मददगार साबित होगी। सेंट्रल रेलवे ने कहा कि ओवरहेड तारों के निरीक्षण और मरम्मत में लगने वाले समय में बड़ी बचत होगी। आपको बता दें कि मध्य रेलवे पर प्रतिदिन 1810 लोकल ट्रेनें चलती हैं। जिनमें करीब 250 मेल-एक्सप्रेस हैं। मध्य रेलवे का मुंबई विभाग भारत में सबसे व्यस्त माना जाता है।
 
ओएचई पैरामीटर माप गेज प्रणाली विकसित
ओवरहेड तारों में तकनीकी खराबी को ठीक करने के लिए टावर वैगनों द्वारा क्रॉसओवर और टर्नआउट की जांच करने के लिए पावर ब्लॉक की अनुपलब्धता अक्सर रेलवे के सामने एक बड़ी चुनौती होती है। इस पर संज्ञान लेते हुए, मध्य रेलवे ने अब इन हाउस ओएचई में तकनीकी खराबी का तुरंत पता लगाने के लिए एक ओएचई पैरामीटर माप गेज प्रणाली विकसित की है।
 
 
खराबी की घटनाओं में कमी आएगी
इसलिए, सेंट्रल रेलवे ने बताया कि ओवरहेड में विफलता की दर कम हो जाएगी। इससे नियमित ओएचई निरीक्षण प्रक्रिया में तेजी आएगी। ओएचई ट्रैफिक और पावर ब्लॉक पाने के लिए इंतजार करने की जरूरत नहीं है। मध्य रेलवे के अधिकारियों को विश्वास है कि ओएचई निरीक्षण से इंजन पेंटोग्राफ में तार उलझने, ओएचई विफलता आदि की घटनाओं में कमी आएगी।
 
70 उपकरण होंगे तैनात
70 उपकरणों पर काम शुरू पैरामीटर माप गेज प्रणाली के लिए आवश्यक उपकरण कुर्ला डिपो में तैयार किए गए हैं। एक ओएचई माप गेज प्रणाली पहले से ही सफलतापूर्वक काम कर रही है। मध्य रेलवे अगले चार से छह महीनों में 70 ऐसे उपकरणों को तैनात करने के लिए लगातार काम कर रहा है।