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    मुंबई: कोरोना (Corona) के समय ऑक्सीजन (Oxygen) की कमी के बीच बीएमसी (BMC) ने अपने अस्पतालों (Hospitals) में ऑक्सीजन प्लांट (Oxygen Plant) लगाने का निर्णय लिया था। विपक्षी नेतओं ने आनन-फानन में दिए गए टेंडर पर अपनी आपत्ति जताई थी। ऑक्सीजन प्लांट के टेंडर में हुई अनियमितता और अधिक मूल्य देने का आरोप बीएमसी पर विपक्षी दलों ने लगाया गया था, लेकिन बीएमसी की तरफ से तय समय पर ठेकेदार ऑक्सीजन प्लांट लगाने में विफल रहे। प्लांट लगाने मे देरी के लिए बीएमसी ठेकेदारों पर 4.07 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है।

    बीएमसी ने मुंबई के अस्पतालों और कोविड सेंटरों को मिला कर कुल 19 स्थानों पर ऑक्सीजन प्लांट लगाने की निविदा जारी की थी। बीएमसी ने इसके लिए 267 करोड़ रुपए खर्च किए। अनिल गलगली ने आरटीआई में यह जानकारी हासिल की। 19 प्लांट में से 12 ऑक्सीजन प्लांट का काम मेसर्स हायवे कन्स्ट्रक्शन कंपनी, जबकि 7 का  काम मेसर्स जीएसएन एसोसिएट को दिया गया था।

     आरटीआई से मिली जानकारी

    गलगली ने बताया कि बीएमसी ने पहले चरण में 25 जून 2021 को मेसर्स हायवे कन्स्ट्रक्शन कंपनी को 9 प्लांट  के निर्माण करने के लिए कार्यादेश जारी किया था। जिसकी कीमत 77.15 करोड़ रुपए है। बीएमसी ने 30 दिन के भीतर प्लांट लगाने का करार किया था। वीएन देसाई, बीडीबीए, कस्तुरबा, नायर, कूपर और केईएम में प्लांट का काम 19 अगस्त 2021 को पूर्ण किया गया। 20 अगस्त 2021 को कुर्ला भाभा, 25 अगस्त 2021 को सायन,  26 अगस्त 2021 को जीटीबी में काम पूर्ण किया गया। इसमें ठेकेदार की विफलता के लिए 3.06 करोड़ का जुर्माना लगाया गया। इस कारवाई को ठेकेदार ने चुनौती दी हैं।

    फिर उसी ठकेदार को दिया नया ठेका 

     पहले चरण में पूरी तरह फेल होने के बाद मेसर्स हायवे कन्स्ट्रक्शन कंपनी को ब्लैक लिस्ट करने के बजाय बीएमसी ने मेहरबानी दिखाते हुए दूसरे चरण में और 59.36 करोड़ का नया ठेका 27 सितंबर  2021 को जारी किया। इसमें 19,760 एलपीएम प्लांट निर्माण का काम था। दहिसर और ऑक्ट्राय नाके का काम समय पर पूरा किया गया, लेकिन केजे सोमैया का काम 12 दिन की देरी से पूरा किया गया। 

    बीएमसी को 100 करोड़ का घाटा हुआ: अनिल गलगली

    इसी तरह तीसरा चरण में लगाए गए प्लांट के लिए  130.86 करोड़ खर्च किया गया। यह ठेका मेसर्स जीएसएन एसोसिएटस को दिया गया जीएसएन लेकिन एक भी तय समय में पूरा नहीं किया गया। जीएसएन पर बीएमसी ने 1.04 करोड़ का जुर्माना लगाया गया। इसमें बीकेसी फेज-1, बीकेसी फेज-2, नेस्को, दहिसर चेकनाका, भायखला और मुलुंड का रिचर्डसन एंड क्रूडास और कांजूरमार्ग में प्लांट लगाया गया। गलगली ने आरोप लगाया कि देर से काम किए जाने के कारण बीएमसी को 100 करोड़ का घाटा हुआ है।